23 अप्रेल 2021 को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में अनाथ एवं उपेक्षित बच्चों की देखरेख, संरक्षण और पुनर्वास के लिए जिला स्तर पर सामूहिक देखरेख योजना ‘गोराधाय ग्रुप फोस्टर केयर योजना’ के संचालन को मंजूरी दी है। सभी जिला मुख्यालयों पर एनजीओ एवं सिविल सोसायटी के समन्वय से इस योजना के संचालन को मंजूरी दी गई है। राज्य बजट 2021-22 में इस योजना की घोषणा की गई थी।
पारिवारिक देखरेख से वंचित एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को पारिवारिक स्नेह ,देखरेख, स्वास्थ्य एवं अपनत्व की पूर्ति के लिए संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार अधिवेशन एवं राष्ट्रीय बाल नीति के अनुरूप नवाचार के रूप में यह योजना संचालित की जाएगी ।
गोराधाय ग्रुप फोस्टर केयर योजना का उद्देश्य
इस योजना के तहत, 0-18 वर्ष आयुवर्ग के ऐसे बालक-बालिकाएं, जिन्हें लम्बे समय तक परिवार आधारित देखरेख की आवश्यकता है, लाभान्वित होंगे। बच्चों को पारिवारिक देखरेख के साथ साथ आत्मनिर्भर बनाने हेतु जीवन कौशल व्यवसाय की शिक्षा, शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य के सभी 33 जिलों में इस योजना को शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार इस योजना पर आईसीपीएस योजना में राज्य की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी के अतिरिक्त प्रतिवर्ष 1.17 करोड़ रूपए व्यय करेगी।
योजना के दिशा-निर्देश :-
- समेकित बाल संरक्षण सेवाएं (आईसीपीएस) योजना के अंतर्गत गठित जिला बाल संरक्षण इकाई संबंधित क्षेत्र में स्वयं सेवी संस्थानों को सेवा प्रदाता के रूप में चिन्हित एवं चयनित कर जिला बाल कल्याण समिति को अनुशंसा भेजेगी, जिसके आधार पर संस्थान को बच्चों की देखरेख के लिए मान्यता दी जाएगी।
- ग्रुप फोस्टर केयर फैसिलिटी के रूप में मान्यता आदेश के जारी होने की दिनांक से 3 वर्ष के लिए मान्य होगी जिसे संतोषजनक पाए जाने पर आगामी 3 वर्ष के लिए नवीनीकृत किया जा सकेगा ।
- संचालक संस्थान को बच्चों के पालन-पोषण हेतु बाल संरक्षण इकाई द्वारा वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- मान्यता प्राप्त चयनित संस्थाओं को ग्रुप फोस्टर केयर फैसिलिटी के संचालन हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा रूपये 4000 प्रति माह प्रति बालक-बालिका के वस्त्र, शिक्षण -प्रशिक्षण एवं अन्य दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु दिए जाएंगे। देखभालकर्ता के मानदेय हेतु रूपये 20000 प्रतिमाह तथा संचालन से जुड़े अन्य व्यय हेतु रूपये 10000 प्रतिमाह दिए जाएंगे।
- पोष्य बच्चों को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) आदर्श अधिनियम-2016 सहित अन्य संबंधित कानूनों के तहत सुविधाएं देय होंगी।
- योजना के प्रस्ताव के अनुसार, एक ग्रुप फोस्टर केयर में अधिकतम 8 बच्चे रखे जा सकेंगे।
- ग्रुप फोस्टर केयर फैसिलिटी में देखरेख के मानकों को बनाए रखने के अतिरिक्त 7 से 11 वर्ष एवं 12 से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग सुविधाएं संचालित की जाएंगी।
- बच्चों के गंभीर रोग ग्रस्त होने अथवा गुम होने अथवा पलायन करने, बच्चे द्वारा किसी प्रकार का आपराधिकृत्य अथवा उसकी मृत्यु होने की स्थिति में तत्काल संबंधित जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल कल्याण समिति को अवगत कराना आवश्यक होगा।
- बच्चों को पारिवारिक देखरेख के साथ साथ आत्मनिर्भर बनाने हेतु जीवन कौशल व्यवसाय की शिक्षा, शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
- बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का रिकार्ड संधारित किया जाकर समय-समय पर बाल कल्याण समिति को अवगत कराया जाएगा। बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का शोषण एवं दुर्व्यवहार ना हो इस हेतु आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे।
- राज्य स्तर पर राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति तथा जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण, पोषक माता-पिता एवं पोष्य बच्चों को आवश्यक सहयोग सेवा प्रदाता स्वयं सेवी संस्था और बच्चों की बीच सामन्जस्य, समस्याओं के समाधान तथा योजना के लिए आवश्यक प्रशिक्षण एवं आमुखीकरण के लिए सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
- योजना के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश बाल अधिकारिता विभाग की वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।