भारत वर्ष के पश्चिम भाग में अवस्थित राजस्थान, प्राचीन काल से विख्यात रहा है। अलवर राज्य का उत्तरी भाग कुरुदेश का हिस्सा था तो जयपुर राज्य का उत्तरी भाग मध्यदेश कहलाता था, दक्षिणी भाग सपालदक्ष का हिस्सा था तो भरतपुर, धोलपुर, करौली राज्य शूरसेन देश में सम्मिलित थे | इसी प्रकार जैसलमेर राज्य के अधिकांश भाग वल्लदेश में सम्मिलित थे तो जोधपुर मरुदेश के नाम से जाना जाता था। बीकानेर राज्य तथा जोधपुर का उत्तरी भाग जांगल देश कहलाता था तो दक्षिणी बाग गुर्जरत्रा (गुजरात) के नाम से पुकारा जाता था। इसी प्रकार प्रतापगढ़, झालावाड़ तथा टोंक का अधिकांस भाग मालवादेश के अधीन था। मेवाड़ जहाँ शिवि जनपद का हिस्सा था तो डूंगरपुर-बांसवाड़ा वार्गट (वागड़) के नाम से जाने जाते थे।
कालांतर में राजपूत जाति के वीरों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना आधिपत्य जमा लिया | वर्ष 1800 में राजस्थान के भू-भागों पर राजपूत राजाओं की सत्ता के कारण सर्वप्रथम ‘राजपूताना’ शब्द का प्रयोग जार्ज थॉमस द्वारा किया गया था।अंग्रेजों ने राजस्थान के विभिन्न इकाइयों का एकीकरण कर इसका राजपूताना नाम दिया | प्रसिद्ध इतिहास लेखक कर्नल टॉड ने इस राज्य का नाम “रायस्थान’ रखा क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओं के निवास के प्रान्त को रायथान कहते थे। इसका संस्कृत रुप राजस्थान बना |
राजस्थान की भूमि में ऐसा कोई फूल नहीं उगा जो राष्ट्रीय वीरता और त्याग की सुगन्ध से भरकर न झूमा हो। वायु का एक भी झोंका ऐसा नहीं उठा जिसकी झंझा के साथ युद्ध देवी के चरणों में साहसी युवकों का प्रथान न हुआ हो।
जेम्स टॉड
राजस्थान भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान का भौगोलिक क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किमी. है, जो देश के क्षेत्रफल का 10.41 प्रतिशत भाग है। यह देश के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित है तथा पूर्वोत्तर में पंजाब, हरियाणा व उत्तरप्रदेश, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश एवं दक्षिण-पश्चिम में गुजरात राज्यों से घिरा हुआ है। यह पश्चिम में पाकिस्तान के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है। अरावली पर्वत श्रृखंला राज्य के मध्य भाग से होते हुए दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर जाती है।
भौगोलिक संरचना को देखे तो राजस्थान के दो प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र हैं। प्रथम, राज्य का पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी भाग मरुस्थलीय या अर्द्ध मरुस्थलीय है और इसे ग्रेट इंडियन डेजर्ट ‘थार’ के नाम से जाना जाता है, और दूसरा दक्षिण-पूर्वी भाग जो मैदानी व पठारी है।। राज्य में विविध जलवायु परिस्थितियां पायी जाती हैं जो कि अर्द्ध-शुष्क से लेकर शुष्क तक हैं।
जनगणना 2011 के अनुसार राज्य की जनसंख्या, राष्ट्रीय जनसंख्या की 5.66 प्रतिशत है। प्रशासनिक दृष्टि से यह 7 सम्भाग एवं 33 जिलों में विभाजित है।
राजस्थान के अनुभाग:
- इतिहास,
- प्राचीनकाल
- मध्यकालीन
- आधुनिककाल
- भूगोल,
- राजनीति और शासन
- अर्थव्यवस्था
- समसामयिकी
- राज्य के प्रतीक चिन्ह
Rajasthan: in English
Dholi bhil konsi jati he or ye konse setra me nivas karti .
In ko givt.se fayada kyu nahi diya jata he
In ko 2 bagho me kyu bat diya gaya.
ढोली SC व भील ST मे आते है। ढोली सम्पूर्ण राजस्थान मे व भील अधिकांश राजस्थान के दक्षिण पश्चिम व कोटा के आसपास निवास करते है। भारतीय संविधान के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र की विकास योजनाएं व अनुसूचित जाति के विकास हेतु संघ व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही है।
ढोली SC व भील ST मे आते है। ढोली सम्पूर्ण राजस्थान मे व भील अधिकांश राजस्थान के दक्षिण पश्चिम व कोटा के आसपास निवास करते है। भारतीय संविधान के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र की विकास योजनाएं व अनुसूचित जाति के विकास हेतु संघ व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही है।
RAS
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