17 दिसम्बर से शुरू होगा निरोगी राजस्थान अभियान -मुख्यमंत्री |
राजस्थान के सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई स्वास्थ्य नीति जारी करेगी। स्वास्थ्य समस्याओं और उनके निदान के लिए राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर 17 दिसम्बर से राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जनभागीदारी से राज्य सरकार इस अभियान को सफल बनाएगी।
श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में निरोगी राजस्थान अभियान की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों को निरोगी राजस्थान अभियान की तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम लोगों का स्वास्थ्य राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए बहुआयामी योजना बनाकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए कड़े प्रावधान वाला कानून शीघ्र लागू किया जाएगा।
राज्य एवं जिला स्तर पर बनेंगी आयोजना और क्रियान्वयन समितियां मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य की स्वास्थ्य नीति को तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाए तथा इसे जल्द से जल्द धरातल पर लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान की आयोजना और देखरेख के लिए राज्य स्तरीय समिति तथा क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर समितियां गठित की जाएं। राज्यस्तरीय समिति अभियान के लिए वित्तीय संसाधनों की समुचित व्यवस्था करने के लिए भी सुझाव देगी।
निरोगी राजस्थान को जन अभियान बनाया जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को खुशहाल बनाने के लिए प्रदेशवासियों का बेहतर स्वास्थ्य अतिआवश्यक है। इसके लिए बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी लोग अपने और अपने परिजनों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान अभियान का उद्देश्य है कि निरोग रहने और रोगग्रस्त होने पर निदान के बारे में जानकारी अधिकाधिक लोगों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि निरोगी राजस्थान को जन अभियान बनाया जाए।
बच्चों के माध्यम से परिवार होंगे जागरूक श्री गहलोत ने अभियान को सफल बनाने के लिए अप्रोच बदलने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियां साझा कर उन्हें इस अभियान का एम्बेसडर बनाया जाए। बच्चे अपने माता-पिता एवं परिजनों को अधिक प्रभावी रूप से स्वास्थ्य के प्रति सचेत कर सकते हैं। उन्होंने अभियान के लिए सामान्य भाषा में प्रचार-साम्रगी करने और उसे वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान की अलग वेबसाइट तैयार की जाए, जिस पर विभिन्न रोगों तथा जीवन शैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में समस्त जानकारियां उपलब्ध हों और पाठकों के सवालों पर विशेषज्ञों द्वारा जवाब उपलब्ध कराए जाएं।
शुक्रवार को प्रदेशभर में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए राज्यव्यापी ‘निरोगी राजस्थान’ अभियान के संचालन के लिए चार अलग-अलग समितियां गठित कर उनके कार्य का निर्धारण कर दिया है और विस्तृत दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के दौरान इस अभियान का शुभारम्भ किया जाएगा।
अभियान के संबंध में जारी निर्देशों के अनुसार, अभियान का समग्र मार्गदर्शन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित ‘राजस्थान स्वास्थ्य मिशन’ द्वारा किया जाएगा। यह मिशन अभियान की गवर्निंग बॉडी भी होगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित ‘एक्जयूकेटिव बॉडी’ (कार्यकारी समिति) अभियान का संचालन करेगी। इस समिति में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा, जलदाय विभाग और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन और जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिलास्तरीय आयोजना और क्रियान्वयन समिति तथा उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तर की समितियां इस अभियान को क्रियान्वित करेगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस अभियान का नोडल विभाग होगा। अभियान के दौरान जनसंख्या नियंत्रण, महिला स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य, व्यसन रोग, प्रदूषण, खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि पर फोकस किया जाएगा। साथ ही, लोगों को मौसमी बीमारियों (संचारी रोग) और जीवनशैली संबंधी बीमारियों (गैर संचारी रोग) से बचाव और निदान के बारे में पूरी जानकारी दी