सतत विकास लक्ष्य के एजेंडा 2030 के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए भारत पहले ही सतत विकास लक्ष्य की उपलब्धियों के लिए अनेक महत्तवपूर्ण कदम उठा चुका है। एजेंडा 2030 को लागू करने के लिए संस्थागत ढॉचे की स्थापना की गयी है एवं कई संगठनों/मंत्रालयों को इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उदाहरणार्थ नीति आयोग को भारत में सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए सहयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें नागरिक संगठन, केन्द्रीय मंत्रालय, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश, शिक्षाविद और व्यावसायिक क्षेत्र के हितधारक एवं भागीदार शामिल है। सतत् विकास गोल्स के नेशनल इंडिकेर्ट फ्रेमवर्क का प्रारूप तैयार करने हेतु राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ परामर्श करने, क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण तथा समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट तैयार करने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को नोडल बनाया गया है। यह देशभर में सतत् विकास गोल्स पर क्षमता निर्माण करने के लिए भी अधिकृत है।
संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग द्वारा अनुलेखित वैश्विक सतत् विकास लक्ष्यों के संदर्भ में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय मंत्रालयों और विभिन्न अन्य हितधारकों के सुझावों के आधार पर नेशनल इंडिकेटर फ्रेमवर्क तैयार किया गया है एवं सतत् विकास लक्ष्यों के संकेतकों पर बेसलाईन रिपोर्ट ‘सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स नेशनल इंडिकेटर फ्रेमवर्क बेस लाईन रिपोर्ट 2015-16’ के नाम से जारी की जा चुकी है।
इसी प्रकार नीति आयोग द्वारा नोडल केन्द्रीय मंत्रालयों, केन्द्र प्रायोजित योजनाओं एवं प्रमुख सरकारी पहलों की विस्तृत मैपिंग 17 गोल्स एवं 169 लक्ष्यों के साथ की गयी है। नीति आयोग द्वारा सतत् विकास गोल्स की पृष्ठभूमि में प्रत्येक गोल से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं की मोनिटरिंग हेतु योजनावार सूचक (स्कीमेटिक इंडिकेटस) भी निर्धारित किए गए हैं। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 17 लक्ष्यों के लिए 306 नेशनल इंडिकेटर तैयार किये गये हैं, जिनका उपयोग राष्ट्रीय स्तर की प्रगति को प्रस्तुत करने में किया जाएगा।
एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स, 2018 नीति आयोग द्वारा माह दिसम्बर, 2018 में प्रथम “एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स, बेस लाईन रिपोर्ट 2018” जारी की गई। इस इंडेक्स का उद्देश्य 62 प्राथमिकता वाले संकेतकों पर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रगति को मापना है। 17 गोल्स में से 13 गोल्स के लिए प्राथमिकता वाले संकेतकों को चिन्हित किया गया है। वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर अधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली में राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए संमकों की उपलब्धता के अभाव में चार गोल्स यथा- सतत् उपभोग एवं उत्पादन (एस.डी.जी. 12), जलवायु परिवर्तन (एस.डी.जी. 13), पानी में जीवन (एस.डी.जी. 14), और सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी (एस.डी.जी. 17) पर सूचकांक निर्धारित नहीं किये गये हैं। एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स रिपोट के आधार पर राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को 4 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें अचीवर, फ्रंटरनर, परफॉर्मर, और एस्पिरेट शामिल है, जहाँ एचीवर सबसे अच्छी तथा एस्पिरेंट सबसे कम वाली रैंक हैं।