सतत विकास लक्ष्य: पृष्ठभूमि

सतत विकास लक्ष्य

नई सहस्त्राब्दि के प्रारम्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा गरीबी के विभिन्न आयामों से लड़ने के लिये एक व्यापक दृष्टिपत्र अपनाया गया। यही दृष्टिपत्र 8 सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों (एम.डी.जी.) में रूपान्तरित हुआ। इन 8 सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों, जिनमें अत्यन्त गरीबी एवं भुखमरी का उन्मूलन करने, एच.आई.वी./एड्स, मलेरिया से लड़ने और मातृत्व स्वास्थ्य में सुधार करना सम्मिलित था, को वर्ष 2015 तक की समयावधि में प्राप्त किये जाने थे।

सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य

सतत विकास लक्ष्य

सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों के अन्तर्गत किये गये अभूतपूर्व वैश्विक प्रयासों के परिणामस्वरूप सभी 8 आयामों से अत्यन्त गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है। वर्ष 2000 में इनको स्वीकार किये जाने से, सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों ने 1 अरब से अधिक लोगों को अत्यन्त गरीबी से बाहर निकालने, दीर्धकालिक भुखमरी से पीड़ित लोगों की सहायता करने, बीमारियों व होने वाली मौतों को नियंत्रित करने तथा पहले से अधिक लड़के एवं लड़कियों की विद्यालयों में पहुँच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यद्यपि, वैश्विक स्तर पर सहस्राब्दि विकास के लक्ष्यों के अन्तर्गत महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं, लेकिन अनेक नई चुनौतियां सामने आयी हैं। लक्ष्यों की सफलता विभिन्न क्षेत्रों एवं देशों के मध्य समान रूप से नहीं हुई है तथा विकास के लाभों का वितरण भी समान रूप से नहीं हुआ है, जिससे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र पीछे रह गये हैं। इसके अलावा, दुनिया के कई हिस्सों में तेजी से आर्थिक विकास के कारण पर्यावरण में क्षरण, ऊर्जा की खपत में तेजी से वृद्धि एवं प्राकृतिक संसाधनों की कमी आई है, जो पर्यावरणीय संवहनीयता से संबधित गंभीर चिंताओं को बढ़ा रही है। एक बेहतर भविष्य की आशा को पुनर्जीवित करने तथा नवीन चुनौतियों से सामना करने के लिये एक कारगर अनुगामी कार्यक्रम की आवश्यकता महसूस की गई। इन्हीं आशाओं के साथ सितम्बर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों द्वारा एक महत्वकांक्षी एजेण्डा- ट्रांसफॉर्मिंग अवर वर्ल्ड: वर्ष 2030 के लिये सतत विकास का एजेण्डा अपनाया गया (जिसे 2030 के एजेण्डे के रूप में भी जाना जाता है)। सतत विकास गोल्स-2030 एजेण्डा 5 पी यथा- लोग (पीपल), पृथ्वी (प्लेनेट), समृद्धि (प्रोसपेरिटी), शान्ति (पीस) एवं परस्पर सहयोग (पार्टनरशिप) को केन्द्र बिन्दु में रखकर निर्धारित एक कार्य योजना है। इस कार्य योजना का मुख्य लक्ष्य गरीबी को उसके सभी आयामों में अपरिर्वतनीय रूप एवं सभी जगहों से समाप्त करना है, ताकि कोई भी पीछे ना छूटे। इसके अलावा यह शांति एवं सम्पन्नता तथा लोगों व पृथ्वी को केन्द्र में रखकर साझेदारी बनाने का प्रयास सुनिश्चित करता है। इस एजेण्डे के द्वारा 17 सतत विकास गोल्स (SDGs) की रचना की गई, जिन्हे वर्ष 2030 तक सभी देशों एवं हितधारकों द्वारा हासिल किया जाना है।

सतत विकास लक्ष्य 17 वैश्विक लक्ष्यों का एक संगह है जो कि वैश्विक स्तर पर आमजन से गहन परामर्श और राष्ट्रीय सरकारों, हितधारकों, सिविल सोसायटियों एवं भागीदारों के सहयोग से विकसित किया गया है। ये 17 लक्ष्य, सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों की सफलता के आधार पर बने है जिसमें संबंधित नये प्राथमिकता क्षेत्र जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, नवोन्मेष, सतत उपभोग, शांति एवं न्याय सहित अन्य प्राथमिकताओं को सम्मिलित किया गया हैं। ये 17 सतत विकास लक्ष्य 169 सम्बद्ध लक्ष्यों से बने है, जो कि प्रवृति में परस्पर अन्तः संबंधित है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिकल्पना में इन लक्ष्य एवं लक्ष्यों की अन्तः सम्बद्धता यह दर्शाती है कि ये आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय स्थिरता में संतुलन के लिए आपस में एक-दूसरे पर आश्रित हैं। प्रत्येक लक्ष्य कुछ निश्चित संकेतको से जुड़े हुये हैं, जो कि लक्ष्य तक पहुँचने में प्रगति को मापने योग्य परिणामों पर केन्द्रित है। प्रत्येक लक्ष्य को अर्जित करने के लिए होने वाली प्रगति की निगरानी के लिए मापने योग्य संकेतको का उल्लेख किया गया है। सतत विकास लक्ष्य के ग्लोबल संकेतक फ्रेमवर्क में प्रगति को मापने के लिए कुल 244 वैश्विक संकेतक सूचीबद्ध है।

 सतत विकास गोल्स (SDGs), सतत विकास लक्ष्य

17 सतत विकास लक्ष्य:

 लक्ष्य

    उद्येश्य 

  विवरण

  लक्ष्य -1

 गरीबी की पूर्णतः समाप्ति

 दुनिया के हर देश में सभी लोगों की अत्यधिक गरीबी को समाप्त करना. अभी उन लोगों अत्यधिक गरीब माना जाता है जो कि प्रतिदिन $ 1.25 से कम में जिंदगी गुजारते हैं.

 लक्ष्य -2

  भुखमरी की समाप्ति  

 भुखमरी की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा

 लक्ष्य -3

  अच्छा स्वास्थ्य और जीवनस्तर

 सभी को स्वस्थ जीवन देना और सभी के जीवनस्तर में सुधार लाना.

 लक्ष्य -4

  गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

 समावेशी और न्यायसंगत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना.

 लक्ष्य -5

  लैंगिक समानता

 लैंगिक समानता प्राप्त करना और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए प्रयास करना.

 लक्ष्य -6

  साफ पानी और स्वच्छता

 सभी के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छता की उपलब्धता और उसका टिकाऊ प्रबंधन सुनिश्चित करना

 लक्ष्य -7

  सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा

 सभी के लिए सस्ती, भरोसेमंद, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना

 लक्ष्य -8

  अच्छा काम और आर्थिक विकास

 निरंतर, समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ साथ, उत्पादक रोजगार और सभी के लिए सभ्य कार्य को बढ़ावा देना

 लक्ष्य -9

  उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा का   विकास

 मजबूत बुनियादी ढांचा बनाना, समावेशी और टिकाऊ औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित करना और नवाचार को बढ़ावा देना.

 लक्ष्य -10

  असमानता में कमी

 देशों के भीतर और देशों के बीच असमानता कम करना

 लक्ष्य -11

  टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास

 शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, लचीला और टिकाऊ बनाना

 लक्ष्य -12

  जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन

 उत्पादन और उपभोग पैटर्न को टिकाऊ बनाना

 लक्ष्य -13

  जलवायु परिवर्तन

 जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित  करना

 लक्ष्य -14

  पानी में जीवन

 टिकाऊ विकास के लिए महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उनका ठीक से उपयोग सुनिश्चित करना

 लक्ष्य -15

  भूमि पर जीवन

 सतत उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना

 लक्ष्य -16

  शांति और न्याय के लिए संस्थान

 टिकाऊ विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों को बढ़ावा देना सौर सभी के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करना

 लक्ष्य -17

  लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी

 सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करना और कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना.

error: © RajRAS