3 April 2024 RAS Mains answer writing
Subject – राजस्थान का इतिहास
Topic – राजस्थान में पर्यटन, मेले, पर्व, लोक संगीत व लोक नृत्य |
राजस्थानी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ।
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Q.1 अलगोज़ा (2M)
Sol:
- अलगोज़ा एक राज्य लोक ‘सुशीर’ संगीत वाद्ययंत्र है।
- इसमें चार छेद वाली दो बांसुरी हैं।
- दो अलगोजा को एक साथ मुंह में रखकर बजाया जाता है। एक से ‘सा’ स्वर और दूसरे से भिन्न स्वर निकलता है। यह नकासांसी के साथ खेलता है।
- प्रसिद्ध खिलाड़ी: रामनाथ चौधरी (नाक से)
Q.2 राजस्थान की कुछ संगीत जातियों की संक्षेप में चर्चा करें। (5M)
राजस्थान में कई संगीत कलाकार हैं, उनमें से कुछ हैं
Musical Caste | Specification |
लंगा | पश्चिमी राजस्थान में निवास करता हैशैली: मंडसंगीत उपकरण: सारंगीमुस्लिम होने के बावजूद हिन्दू त्योहार मनाता है |
मांगणियार | जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर क्षेत्र मेंसंगीत उपकरण: खड़ताल, कमायचा’जंगड़ा’ गाते हैं |
जोगी | नाथ सम्प्रदाय के अनुयायीसंगीत उपकरण: सारंगी, इकतारा’भ्यावला’ और ‘शिवजी’ के गाने गाते हैं |
भोपा | दर्शकों के सामने कहानी सुनाने वालासंगीत उपकरण: रावणहट्टा (पबुजी का भोपा), तांदूरा (रामदेवजी का भोपा) |
कालबेलिया | पेशेवर जातिसंगीत उपकरण: पुंगी, खंजरी |
धादी | पश्चिमी राजस्थान में निवास करता हैसंगीत उपकरण: सारंगी, रबाब |
Q.3 राजस्थान के मेलों एवं त्यौहारों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये।(10M)
राजस्थान अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है, जो यहां के मेलों और त्योहारों में झलकती है, इसलिए एक लोकप्रिय कहावत है “सात वार नौ त्यौहार”।
मुख्य विशेषताएं:
- त्यौहार धार्मिक बहुलवाद और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं। उदाहरण; बाबे री बीज, गोगामेडी
- ये त्यौहार लोगों के जीवन में खुशी और उत्साह के सूचक हैं। उदाहरण;तीज
- त्यौहार वैज्ञानिक स्वभाव से भरे होते हैं यानी त्यौहारों से जुड़े व्रत शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
- त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं, दशहरा, घुड़ला
- पशु व्यापार के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है अर्थात तेजाजी पशु मेला, चंद्रभागा पशु मेला
- ये त्यौहार नैतिक और मूल्य आधारित समाज को बढ़ावा देते हैं।
- तीज, खेजड़ली शहीदी मेला जैसे त्यौहार प्रकृति के साथ मनुष्य के अटूट बंधन को दर्शाते हैं।
- पाबूजी मेला, मेहंदीपुर बालाजी मेला जैसे कुछ त्योहार बीमारियों के इलाज का काम करते हैं।
- करवा चौथ, तीज जैसे त्यौहार पति-पत्नी के अटूट रिश्ते और प्यार का प्रतीक हैं।
- त्यौहार सामाजिक भलाई के लिए त्याग का प्रतीक है उदाहरण:मुहर्रम
- वे पर्यटन को बढ़ावा देते हैं;और रोजगार पैदा करते हैं।
- ये अवसर राज्य की पारंपरिक कलाकृतियों और हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने के लिए एक असाधारण मंच के रूप में काम करते हैं।
- मेले और त्यौहार मनोरंजन, खेल जैसे ऊंट उत्सव, मरू महोत्सव (मिस मूमल प्रतियोगिता), पतंग उत्सव आदि का केंद्र हैं।
एक ओर ये त्यौहार समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाकर ‘संस्कृति के संरक्षक’ के रूप में कार्य करते हैं, दूसरी ओर वे राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।
Q.4 निर्देश-अधोलिखित गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए और एक-तिहाई (1/3) शब्दों में संक्षिप्तीकरण कीजिए।
सत्संग के बिना मनुष्य अपनी वासनाओं के दुःखों से किसी प्रकार बच नहीं सकता। वासनाएँ भी जब भगवान के सुन्दर यश का वर्णन सुनती हैं, सत्पुरुषों के दर्शन करती हैं, तो वे भी धन्य हो जाती हैं और उनके स्वरूप बदल जाते हैं, फिर वे शुद्ध संकल्प बनकर उठने लगती हैं। वासनाएँ यदि लोहे के समान हैं, तो प्रभु स्मरण : या सत्संग पारसमणि है। बस, स्पर्श करते ही वे स्वर्ण हो जाती हैं। बड़े दुष्ट स्वभाव वाले केवल सत्संग से संत बन गये। महान् दुःखियों का दुःख सत्संग में कुछ समय ही में जाता रहा तथा घोर अन्यायी राजा सत्पुरुषों के साथ से दयावान् बन गये ।
शीर्षक-सत्संग की महत्ता
सत्संग के बिना वासनाओं से मुक्ति सम्भव नहीं। भगवान के सुयश वर्णन तथा सत्पुरुष-दर्शन से वासनाएँ शुद्ध संकल्प में बदल जाती हैं। प्रभुस्मरण एवं सत्संग रूपी पारसमणि से दुष्ट व्यक्ति भी स्वर्णिम एवं सद्गुणमय बन जाता है, इससे अन्यायी राजा भी दयालु हो जाता है।