राजस्थान दैनिक समसामयिकी फरवरी 2021

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जिलास्तरीय अभियान मिशन इन्द्रधनुष-3 की शुरूआत

22 फरवरी 2021 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने टीकाकरण से छूट रहे बच्चों को सम्बंधित टीके की खुराक देकर मिशन इन्द्रधनुष-3 जिलास्तरीय अभियान की शुरूआत की।
मिशन इन्द्रधनुष-3 के मुख्य बिंदु :

  • प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सघन मिशन इन्द्रधनुष-3 का प्रथम चरण 22 फरवरी से आगामी 15 दिनों तक संचालित रहेगा।
  • केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार दो चरणों में यह अभियान 15-15 दिन संचालित किया जायेगा और नियमित टीकाकरण से वंचित रह गये बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को संबंधित टीके निःशुल्क लगाये जायेंगे।
  • प्रथम चरण में प्रदेश के 24 जिलों को शामिल किया गया है एवं इन जिलों में कुल 3 हजार 963 टीकाकरण सत्र आयोजित किये जायेंगे।
  • इस अभियान में जन्म से 2 वर्ष की उम्र के 23 हजार 980 बच्चों और 6 हजार 268 गर्भवती महिलाओं को संबंधित टीके लगाकर प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • कोविड-19 महामारी के कारणवश विगत् महीनों में टीकाकरण कराने से वंचित रहे बच्चे व गर्भवती महिलाओं को भी इस सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान के इन चरणों में आवश्यक टीके लगाये जायेंगे।
  • अभियान के प्रथम चरण में 24 जिलों अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, बाडमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, कोटा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सीकर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, गंगानगर, हनुमानगढ, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, टोंक एवं उदयपुर के चयतिन ग्राम, ढ़ाणियों एवं शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण सत्र लगाये जायेंगे।

स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण, Skoch Silver अवार्ड से सम्मानित

स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण, राजस्थान को प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य करने के फलस्वरूप Skoch Silver अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन डायरेक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा को शनिवार को skoch group द्वारा एक ऑनलाइन समारोह में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

डीआरडीओ द्वारा विकसित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम्स ‘हेलिना’ और ‘ध्रुवस्त्र’ का सफल उपयोगकर्ता परीक्षण

हेलिना (आर्मी वर्जन) और ध्रुवस्त्र (एयरफोर्स वर्जन) मिसाइल सिस्टम्स के लिए संयुक्त उपयोगकर्ता परीक्षण में एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) प्लेटफॉर्म से डेज़र्ट रेंज में किए गए हैं । मिसाइल प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है ।

हेलिना और ध्रुवस्ट्रा तीसरी पीढ़ी के, लॉक ऑन बिफोर लॉन्च (LOBL) फायर एंड फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हैं जो डायरेक्ट हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड दोनों में लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम हैं । इस प्रणाली में सभी मौसम में दिन और रात वाली क्षमता है और पारंपरिक कवच वाले टैंक के साथ साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच वाले युद्धक टैंकों को पराजित करने की क्षमता भी है । यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है ।

राज्यपाल द्वारा आंचल संस्था के फूड कार्ड का विमोचन

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने राजभवन में आंचल संस्था के ‘भोजन दो, भीख नहीं‘ अभियान के अंतर्गत ‘फूड कार्ड‘ का विमोचन किया।

अभियान का उद्देश्य

  • यह अभियान भिक्षावृत्ति रोकने के बारे में जागरूकता लाने के लिए चलाया जाएगा।
  • इसके अंतर्गत लोगों को भिक्षा मांगने वालों को नकद राशि देने के स्थान पर फूड कार्ड के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

राष्ट्रीय मरू उद्यान इलाके में ग्रीन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट संचालित होगा


बाड़मेर एवं जैसलमेर जिले में स्थित राष्ट्रीय मरू उद्यान इलाकाें में जैव विविधता और वन परिदृृश्यों के संरक्षण के लिए ग्रीन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य की अध्यक्षता में आयोजित स्टेट प्रोजेक्ट स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में प्रोजेक्ट के प्रारंभिक तीन माह की कार्य योजना को मंजूरी दी गई है। यह प्रोजेक्ट कृषि एवं खाद्य संगठन की ग्लोबल एनवायरमेंट फेसिलिटी (जीईएफ) के तहत वित्त पोषित है। इस सात वर्षीय प्रोजेक्ट पर लगभग 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

ग्रीन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के आवशयक दिशा निर्देश :

  • इस प्रोजेक्ट के तहत मरू उद्यान क्षेत्र में सेवण घास सहित अन्य मूल वनस्पति को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  • प्रोजेक्ट को परिणाम उन्मुखी बनाने हेतु कार्य आरंभ होने से पहले, कार्य प्रगति के दौरान एवं अन्त में संवर्धित वनस्पति का ड्रोन से वीडियोग्राफी करवाने के निर्देश ।
  • यहां की मूल वनस्पति की बढ़वार में बाधक बन रहे विलायती बबूल को समूल नष्ट करने के निर्देश।
  • आगामी तीन माह में प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना विकास, मानव संसाधन की भर्ती तथा घास बीज प्रबंधन करने के निर्देश।
  • प्रोजेक्ट में केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) एवं कृृषि विश्व विद्यालय जोधपुर का तकनीकी सहयोग लेने के निर्देश।

ग्रीन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट का उद्देश्य:

  • इसमें सामुदायिक चरागाह प्रबंधन के तहत राष्टीय मरू उद्यान के एक लाख 75 हजार हेक्टेयर एवं आसपास के 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूल वानस्पातिक प्रजातियों का संरक्षण-संवर्धन, हानिकारक प्रजाति की वनस्पतियों को हटाने, परंपरागत वनों (ओरण) एवं पारंपरिक चराई क्षेत्र (गोचर) का प्रभावी प्रबंधन, खड़ीन एवं टांका जैसी जल संचयन संरचनाओं का पुनरूद्धार ।
  • किसानों को उत्तम कृृषि क्रियाओं को अपनाने के लिए प्रेरित एवं सहायता मुहैया कराना।
  • पर्यावरण एवं ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के अनुकूल टिड्डी नियंत्रण के उपाय अपनाने पर कार्य।
  • बाजरा, ग्वार और औषधीय पौधों के लिए मूल्य श्रृृंखला का विकास ।
  • जैव विविधता एवं स्थानीय संरक्षण प्रयासों के साथ समुदाय आधारित इको टूरिज्म का विकास तथा सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिगत स्थानीय खरीद की सुविधा विकास का प्रयास किया जाएगा।
  • पशुधन प्रबंधन के तहत टीकाकरण, पशु सखी प्रशिक्षण, सामुदायिक चारा बैंक एवं आवारा पशुओं को गौशालाओं में रखने की योजना पर कार्य किया जाएगा।

सड़क दुर्घटना रोकने हेतु दुर्घटना आंकड़ों का होगा वैज्ञानिक विश्लेषण

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने ’इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस’ (आईआरएडी) योजना लागू की है। इसके प्रथम चरण में राजस्थान सहित देश के 6 राज्यों को शामिल किया गया है। इसकी शुरूआत 15 फरवरी 2021 से की गई है।

प्रथम चरण में राजस्थान के 4 जिले शामिल:

  • जयपुर
  • जोधपुर
  • अजमेर
  • अलवर


15 मार्च 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में यह योजना शुरू की जायेंगी।


योजना में इस प्रकार से हो रहा कार्य
योजना तहत संबंधित जिले के हर पुलिस थाने से दो पुलिसकर्मी नियुक्त किये गए है। वे अपने पुलिस थाना क्षेत्र में दुर्घटना स्थल पर जाकर कारणों का पता लगाएंगे। इसके बाद ’आईआरएडी’ मोबाइल एप्लीकेशन पर डेटा अपलोड करेंगे। इस डेटा से दुर्घटना की एक आईडी भी जनरेट होगी। उस आईडी पर ही परिवहन विभाग, स्वास्थ्य और सड़क निर्माण विभाग के कर्मचारी अपनी रिपोर्ट दर्ज करेंगे।

दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण
सड़क दुर्घटनाओं व उनसे होने वाली मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नीति निर्माण व कार्य योजना के निर्धारण के लिए आंकड़ों की ऑनलाइन रजिस्ट्री की जाएगी। उन आंकड़ों का वैज्ञानिक विश्लेषण एवं रियल टाइम पर्यवेक्षण किया जाएगा।

6 राज्यों के 59 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने योजना को पूरी तरह लागू करने से पहले राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। इसके सकारात्मक परीक्षण के बाद अब पूरी तरह से धरातल पर उतारा जा रहा है। इन राज्यों के 59 जिलों में प्रथम चरण शुरू हो रहा है।

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