‘राज किसान साथी’ पोर्टल
राज्य सरकार द्वारा किसान कल्याण की दिशा में किसानों की आजीविका एवं जीवन को सुगम बनाने के लिए लगातार नवाचारों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 20 अगस्त 2021 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की जयंती पर “राज किसान साथी पोर्टल” का लोकार्पण किया। यह किसानों को डिजिटल तकनीक से जोड़कर उन्नत कृृषि और कृृषि विपणन की ओर आगे बढ़ाने में अहम होगा।
किसानों के लिए ‘इज ऑफ डूईंग फामिर्ंग’ के रूप में यह सुविधा दी जाएगी। किसानों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं की जानकारी और उनका लाभ लेने के लिए आवेदन की सुविधा इसी पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है। आवेदन प्रकिया को इसमें सरल, सुगम और पेपरलैस बनाया गया है। इससे आवेदनों के निस्तारण में गति आयेगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
पोर्टल का विकास
यह पोर्टल सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग तथा राजकॉम्प इन्फो सिस्टम लिमिटेड के माध्यम से विकसित करवाया जा रहा है। यह कार्य चरणबद्ध रूप में पूर्ण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत कृृषि एवं सम्बंधित विभागों के कुल 144 मॉड्यूल्स विकसित किये जाएंगे, जिनमें से वर्ष 2020-21 में 46 मॉड्यूल्स तैयार किये जा चुके हैं तथा 2021-22 में 50 मॉड्यूल्स बनाये जा रहे हैं।
‘राज किसान साथी’ पोर्टल की मुख्य विशेषताएं
आवेदन प्रक्रिया को किया सरल
राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदक ई-मित्र के अलावा स्वयं के स्तर पर जनाधार या एसएसओ आईडी के जरिए आवेदन कर सकता है। आवेदन प्रक्रिया को एकदम सरल कर दिया गया है |
जनाधार नम्बर डालते ही सारा विवरण स्वतः आ जाएगा
राज किसान साथी पोर्टल पर जनाधार नम्बर डालते ही किसान का फोटो, पता, बैंक खाता आदि का विवरण अपने आप आ जाता है। साथ ही, किसान की जमाबंदी और नक्शा राजस्व विभाग के ई-धरती पोर्टल से आवेदन में आ जाएगा। आवेदक को केवल जमीन की खाता और खसरा संख्या भरनी होगी। अब किसी तरह की पत्रावली कार्यालय में जमा नहीं करवानी होगी। ऑनलाइन आवेदन करते ही विभाग के कार्यालय में पहुंच जाएगा और किसान के मोबाइल पर संदेश आ जाएगा।
आवेदन से भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
कार्यालय में आवेदन की जांच भी ऑनलाइन होगी। मौके पर भौतिक सत्यापन भी मोबाइल एप के जरिये ऑनलाइन होगा, जिसमें आवेदक किसानों के फोटो के साथ समय, तारीख और स्थान आएगा। कार्यालय में प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृृति भी ऑनलाइन जारी होगी और लाभार्थी के जनाधार से जुड़े बैंक खाते में अनुदान सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा। यानि आवेदन से लेकर भुगतान तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
बीज, खाद और कीटनाशी के लाइसेन्स भी ऑनलाइन
कृृषि प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही पूंजी निवेश और भाड़ा अनुदान योजना के ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी इसी पोर्टल पर दी गई है। बीज, खाद और कीटनाशी के निर्माता और विक्रेताओं को लाइसेन्स भी ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। स्पि्रंक्लर, ड्रिप, पाइपलाइन निर्माताओं एवं बीटी कपास के विक्रेताओं का पंजींयन भी ऑनलाइन किया जा रहा है।
प्रक्रिया के प्रत्येक चरण पर आएगा मोबाइल संदेश
आवेदक किसान एवं व्यापारियों को एक और सुविधा है कि प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की जानकारी उनके मोबाइल पर संदेश के माध्यम से भेजी जाती है। आवदेक को कार्यालय में संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। वह अपने आवेदन की स्थिति की जांच ऑनलाइन भी कर सकते हैं।
आठ मोबाइल एप भी बनाए
राज किसान साथी पोर्टल पर किसानाें, व्यापारियों और कार्मिकों के लिए 8 मोबाइल एप भी बनाए गए हैं। किसानाें के लिए चलाई जा रही योजनाओं और अनुदान के बारे में जानकारी के लिए राज किसान सुविधा एप तैयार किया गया है। जैविक उपज तथा खजूर के पौधों की बिक्री के लिए खरीददार और विक्रेता के पंजीयन के लिए राज किसान क्रेता-विक्रेता मोबाइल एप बनाया गया है। टिड्डी मॉनिटरिंग और नियंत्रण की जानकारी के लिए राज किसान लोकस्ट एप बनाया गया है।
भविष्य में कृृषि, उद्यान, विपणन आदि सम्बद्ध विभागों की समस्त प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया जाएगा और किसानाें के लिए मण्डी भाव, फसल मौसम सलाह, बीमारी की पहचान और निदान, कृृषि यंत्र किराये पर लेने की सुविधा, आसपास मौजूद गोदाम, प्रसंस्करण इकाई आदि की जानकारी के लिए भी मोबाइल एप बनाये जाएंगे।
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