पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.)
राजस्थान प्रदेश की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसमें मानसून के दौरान चम्बल नदी के सहायक नदी बेसिनों (कुन्नू, कूल, पार्वती, कालीसिंध मेज) में उपलब्ध अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, पार्वती, कालीसिल, गंभीर इत्यादि नदी बेसिनों में अपवर्तित किया जाना है। परियोजना की अनुमानित लागत रुपये 37247.12 करोड़ है।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का उद्देश्य
परियोजना के अन्तर्गत उपलब्ध जल 3510 मिलियन घन मीटर में से लगभग 49 प्रतिशत ; 1723.5 मिलियन घन मीटर शुद्ध जल का पेयजल हेतु प्रावधान रखा गया है, जिसके द्वारा राजस्थान के 13 जिलों (राज्य की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या) यथा झालावाड, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर में वर्ष 2051 तक पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
परियोजना के अन्तर्गत निर्मित की जाने वाली फीडर कैनाल से पास के पूर्व निर्मित 26 वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को पानी दिया जाना प्रस्तावित है, जिससे उक्त बांधों में जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी एवं पूर्व सृजित 0.8 लाख हैक्टेयर सिंचित क्षेत्र पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।
परियोजना द्वारा 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना संभव होगा।
परियोजना अन्तर्गत उद्योगों एवं दिल्ली मुम्बई औद्योगिक गलियारा के उपयोग हेतु 286.4 मिलियन घन मीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा।
मुख्य घटक
परियोजना अन्तर्गत 6 बैराज तथा 1 बांध बनाया जाना प्रस्तावित है बैराज का निर्माण मुख्यतः जल अपवर्तन हेतु एवं बांध का निर्माण जल का संग्रहण करने के लिए होगा।
- कुन्नू बैराज – कुन्नू नदी पर राजस्थान मे शाहबाद तहसील, जिला बारां में भराव क्षमता 56.97 एम. सी. एम.
- रामगढ बैराज – कूल नदी पर राजस्थान में किशनगंज तहसील, जिला बारां में भराव क्षमता 50.49 एम. सी. एम.
- महलपुर बैराज – पार्वती नदी पर राजस्थान में मंगरील तहसील, जिला बांरा में भराव क्षमता 162.20 एम.सी.एम.
- नवनेरा बैराज –कालीसिंध नदी पर राजस्थान में पीपलदा तहसील, जिला कोटा में भराव क्षमता 226.65 एम. सी. एम. का बैराज निर्मित किया जाना है। परियोजना अन्तर्गत इस बैराज की भराव क्षमता सबसे अधिक है। अपवर्तन हेतु महत्त्वपूर्ण बैराज होने से इसका निर्माण कार्य आरम्भ किया जा चुका है।
- मेज बैराज – मेज नदी पर इन्द्रगढ़ तहसील, जिला बूंदी में भराव क्षमता 50.80 एम.सी.एम.
- राठौड़ बैराज – बनास नदी पर चौथ का बरवाडा तहसील, जिला सवाईमाधोपुर में भराव क्षमता 143.09 एम.सी.एम.
- डूंगरी बांध – बनास नदी पर तहसील खण्डार, जिला सवाईमाधोपुर में 2099 एम.सी.एम. भराव क्षमता का बांध बनाया जाना है जो “पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना” अन्तर्गत जल संग्रहण हेतु मुख्य बांध होगा। इस बांध में संग्रहित जल से परियोजना अन्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई पर आधारित 2 लाख हैक्टेयर नया सिंचित क्षेत्र विकसित किया जायेगा।
परियोजना के अन्तर्गत फीडर / नहर तंत्र की कुल लम्बाई 1268 कि.मी. है। जिसमें से ग्रेविटी फीडर की लम्बाई 965 कि.मी., टनल की लम्बाई 4.5 कि.मी., पम्पिंग मैन की लम्बाई 141 कि.मी. व नेचुरल स्ट्रीम की लम्बाई 157.5 कि.मी. है। परियोजना में 15 स्थानों पर पम्पिंग स्टेशन निर्मित किये जाने है।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.)