राज्य पशु ऊंट के संवर्धन व संरक्षण की दिशा में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने “उष्ट्र संरक्षण योजना” की घोषणा वर्ष 2022-23 के बजट में की थी। जिसके अंतर्गत ऊंट प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिए टोडियों के जन्म के अवसर पर 5000-5000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दो किश्तों में पशुपालक को दी जाएगी। ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति लागू करने के लिए 10 करोड़ रूपए के प्रावधान किया गया था।
उष्ट्र संरक्षण योजना के अंतर्गत, टोडियों के जन्म के अवसर पर पशु चिकित्सक द्वारा मादा ऊंट एवं बच्चे के टैग लगाकर पहचान पत्र देने के बाद ऊंट पालक को 5 हजार रुपए, प्रत्येक पहचान पत्र के लिए पशु चिकित्सक को 50 रुपए का मानदेय तथा ऊंट के बच्चे के एक वर्ष पूर्ण होने पर द्वितीय किश्त के रूप में 5 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। दोनों किश्तों की राशि ऊंट पालक के बैंक खाते में डाली जाएगी। श्री गहलोत के इस निर्णय से ऊंट पालकों को आर्थिक संबल के साथ प्रोत्साहन मिल सकेगा।
उष्ट्र संरक्षण योजना के आवेदन हेतु इंटीग्रटेड वेब एप्लीकेशन
ऊंटों की घटती संख्या को गंभीरता से लेते हुए 9 फरवरी 2023 को पंत कृषि भवन में उष्ट्र संरक्षण योजना के आवेदन हेतु बनाये गये इंटीग्रटेड वेब एप्लीकेशन का लोकार्पण किया गया। इस एप्लीकेशन में ऊंट पालक का पंजीयन, पशु चिकित्सक द्वारा ऊंटनी व टोडिये की टेगिंग तथा जिला स्तरीय वित्तीय स्वीकृति का प्रावधान किया गया है। ऊंट पालक 1 नवंबर या उसके पश्चात् जन्मे टोडियों का योजना के अंतर्गत 28 फरवरी तक पंजीयन करवा सकते है । 2 माह तक के टोडिये के ऊंटपालक योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे। यह पंजीयन ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा सकेगा व किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर ऊंट पालक नजदीकी ई मित्र व पशु चिकित्सा केंद्र के अधिकारियों से मदद ले सकते है।
उष्ट्र संरक्षण योजना में आवेदन हेतु लिंक