भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया में यूं तो कई प्राचीन शिव मंदिर बने हए हैं लेकिन यहां के उण्डेश्वर मंदिर की स्थापत्य कला बेमिसाल है।
मंदिर का प्रवेश द्वार चार प्रस्तर स्तम्भों पर टिका हुआ है। ये स्तम्भ घट पल्लव एवं विभिन्न देवी-देवताओं की आकृतियों से अलंकृत हैं। सभा मण्डप में नंदकेश्वर की प्रतिमा विराजमान है। लगभग 12 फीट ऊंचे आठ स्तम्भों पर आधारित इस मण्डप की छत नीचे की ओर अष्टकोणीय है और ऊपर एकदम वर्तलाकार। सभा मण्डप के स्तम्भों पर विभिन्न भाव-भंगिमाओं में सुर-सुंदरी प्रतिमाएं बड़ी ही मनोहारी लगती हैं। शैव सम्प्रदाय के देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी यहां उत्कीर्ण हैं। गर्भगृह थोड़ा गहराई में होने से सीढ़ियां उतर कर जाना होता है। शायद इसीलिए इस मंदिर का नाम उण्डेश्वर रखा गया होगा। मंदिर की बाहरी दीवारों पर तराशी गई लाजवाब मूर्तियां देखते ही बनती हैं।