राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के संरक्षण के लिए 24 जून को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर में अण्डा एकत्रीकरण एवं कृत्रिम हैचिंग केन्द्र शुरू होने पर प्रसन्नता जाहिर की है। गोडावण पक्षी की विलुप्त होती जा रही प्रजाति के संरक्षण के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यू.आई.आई.) देहरादून के सहयोग से विश्व में यह पहला हैचिंग सेन्टर स्थापित किया जा रहा है।
श्री गहलोत ने कहा कि भविष्य में इस सेन्टर की मदद से हम गोडावण को बचाने में निश्चित रूप से कामयाब होंगे और आने वाली पीढ़ियां इस खूबसूरत पक्षी को प्रत्यक्ष रूप से देख और जान सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने हैचिंग सेन्टर के संचालन के लिए चल रही कार्यवाही के लिए प्रदेश के वन राज्य मंत्री श्री सुखराम विश्नोई और वन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी है। वर्तमान में पूरे विश्व में गोडावण की संख्या केवल 150 ही रह गई है, जिनमें से सर्वाधिक लगभग 120 पक्षी राजस्थान में हैं। उन्होंने राज्य पक्षी के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं।
गोडावण संरक्षण के लिए भारत सरकार, राजस्थान सरकार एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के मध्य एक त्रिपक्षीय समझौता हस्ताक्षरित किया गया था, जिसके अनुसार 35 वर्षों तक वृहद गोडावण संरक्षण परियोजना पर काम किया जाएगा।
गोडावण पक्षी के अण्डों के लिए कृत्रिम हैचिंग सेन्टर सम क्षेत्र में स्थापित कर, कुछ अण्डों को हैचिंग सेन्टर पर इनक्यूबेशन हेतु पहुंचाया गया है। वन एवं पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 6 अण्डों को इस सेन्टर में कृत्रिम हैचिंग की स्वीकृति प्रदान की गई है।