राजस्थान समसामयिकी सितम्बर 2021
डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना को वायु रक्षा मिसाइल (एमआर-सैम) प्रणाली सौंपी, जैसलमेर
भारतीय वायु सेना को मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआर-सैम) प्रणाली की पहली सुपुर्दगी योग्य फायरिंग यूनिट 9 सितंबर, 2021 को राजस्थान में जैसलमेर वायुसेना स्टेशन में सौंपी गई।
MRSAM भारतीय उद्योग के सहयोग से एमएसएमई सहित निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के साथ तालमेल कर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक उन्नत नेटवर्क केंद्रित लड़ाकू वायु रक्षा प्रणाली है।
MRSAM की प्रमुख बातें:
- एमआर-सैम लड़ाकू विमान, यूएवी, निर्देशित और अनिर्देशित हथियारों एवं क्रूज मिसाइलों जैसे हवाई खतरों के खिलाफ हवाई सुरक्षा प्रदान करता है
- 70 किलोमीटर तक दूरी पर अनेक लक्ष्यों को एंगेज़ करने में सक्षम
- उच्च गतिशीलता प्राप्त करने के लिए स्वदेश में विकसित रॉकेट मोटर एवं कंट्रोल प्रणाली
- अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली
राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-95A पर भारत की पहली आपातकालीन लैंडिंग सुविधा, बाड़मेर
दिनांक 9 सितंबर, 2021 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूप से राजस्थान के बाड़मेर के पास एनएच-925A पर सट्टा-गंधव खंड पर भारतीय वायुसेना के लिए आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) का उद्घाटन किया। यह पहली बार है जब भारतीय वायु सेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए किसी राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल किया गया है। यह लैंडिंग स्ट्रिप भारतीय वायुसेना के सभी प्रकार के विमानों की लैंडिंग की सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भारतीय वायु सेना के लिए तीन किलोमीटर के खंड को ईएलएफ के रूप में विकसित किया है।
मुख्य बातें:
- भारतीय वायुसेना के विमान की आपात लैंडिंग के लिए पहली बार राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल
- ईएलएफ सभी प्रकार के भारतीय वायुसेना के विमानों की लैंडिंग की सुविधा प्रदान करेगा
- यह भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव-विकसित टू-लेन पक्के हिस्से का भाग है
- कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है।
- यह काम मैसर्स जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भारतीय वायुसेना और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की देखरेख में केवल 19 महीनों में(जुलाई 2019 में शुरू हुआ और जनवरी 2021 में पूरा हुआ) बनाया गया है।
अवनी लेखरा
टोक्यो में खेले जा रहे पैरा ओलंपिक की शूटिंग प्रतियोगिता में राजस्थान की निशानेबाज़ अवनी लेखरा ने 50 मीटर एयर राइफल मुकाबले में ब्रोंज मेडल जीता। इससे पूर्व उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल के मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता था। उल्लेखनीय है कि एक ही ओलंपिक में दो मेडल प्राप्त करने वाली अवनी पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
कृष्णा नागर
राजस्थान के जयपुर के 22 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो में आयोजित टोक्यो-2020 पैरालंपिक में पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन स्पर्धा एसएच-6 में स्वर्ण पदक जीता है।
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