12 जून आरएएस मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन

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SUBJECT – व्यवहार

TOPIC बुद्धि : संज्ञानात्मक बुद्धि सामाजिक और संवेगात्मक बुद्धि, सांस्कृतिक बुद्धि, आध्यात्मिक बुद्धि।व्यक्तित्व : शीलगुण व प्रकार, व्यक्तित्व के निर्धारक और व्यक्तित्व आंकलन ।

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Q1 ऑलपोर्ट द्वारा दी गई  व्यक्तित्व की परिभाषा लिखें।2M

Answer:

गॉर्डन ऑलपोर्ट के अनुसार “व्यक्तित्व व्यक्ति के अंदर उन मनोशारीरिक प्रणालियों का गतिशील संगठन है, जो पर्यावरण के प्रति उसके अनोखे समायोजन को तय करता है।”

Q2 व्यक्तित्व के प्ररूप और विशेषक उपागम  के बीच अंतर बताएं।2M

Answer:

विशेषक उपागमप्ररूप उपागम
विशिष्ट मनोवैज्ञानिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व को परिभाषित करता हैव्यक्तित्व को व्यवहार संबंधी विशेषताओं के व्यापक रूप में वर्गीकृत करता है।
लक्षणों को पहचानने और मापने पर ध्यान केंद्रित करता हैव्यक्तियों को समूहों में वर्गीकृत करने पर जोर देता है
स्थायी लक्षणपूर्वनिर्धारित श्रेणियां
उदाहरण: बिग फाइव मॉडल लक्षणों की पहचान करता हैउदाहरण: कार्ल जंग का बहिर्मुखी और अंतर्मुखी प्ररूप

Q3 व्यक्तित्व मूल्यांकन की प्रक्षेपी तकनीकों की विशेषताओं की व्याख्या करें।5M

Answer:

प्रक्षेपी  तकनीकों में प्रयुक्त उद्दीपकों और अनुक्रियाओं की प्रकृति में पर्याप्त भिन्नताएँ पाई जाती हैं फिर भी इन सभी में अधोलिखित विशेषताएँ समान रूप से पाई जाती हैं- 

1.⁠ ⁠उद्दीपक सापेक्ष रूप से अथवा पूर्णतः असंरचित और बिल्कुल अनुपयुक्त ढंग से परिभाषित होते हैं।

2.⁠ ⁠जिस व्यक्ति का मूल्यांकन किया जाता है उसे साधारणतया मूल्यांकन के उद्देश्य, अंक प्रदान करने की विधि और व्याख्या के बारे में नहीं बताया जाता है।

3.⁠ ⁠व्यक्ति को यह सूचना दे दी जाती है कि कोई भी अनुक्रिया सही या गलत नहीं होती है।

4.⁠ ⁠प्रत्येक अनुक्रिया व्यक्तित्व के एक महत्वपूर्ण पक्ष को प्रकट करने वाली समझी जाती है।

5.⁠ ⁠अंक प्रदान करना और व्याख्या करना लंबा (अधिक समय लेने वाला) और कभी-कभी आत्मनिष्ठ होता है।

Q4 सांवेगिक बुद्धि क्या है ? सफलता प्राप्त करने में इसके महत्व पर चर्चा करें।5M

Answer:

सलोवी और मेयर के अनुसार, “अपने तथा दूसरे व्यक्तियों के संवेगों का परिवीक्षण करने और उनमें विभेदन करने की योग्यता तथा प्राप्त सूचना के अनुसार अपने चिंतन तथा व्यवहारों को निर्देशित करने की योग्यता ही सांवेगिक बुद्धि है”।

इसमें सहानुभूति, आत्म-जागरूकता, आत्म-नियमन, सामाजिक कौशल और अभिप्रेरणा शामिल है।

सफलता प्राप्त करने में महत्व:

  • नेतृत्व: सहानुभूति, संचार और संघर्ष समाधान, जिससे टीम की बेहतर गतिशीलता और संगठनात्मक सफलता प्राप्त होती है।
  • संबंध प्रबंधन: स्वस्थ पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देता है, जो सहयोग, नेटवर्किंग और करियर में उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है।
  • निर्णय लेना: तार्किकता और सांवेगिक निहितार्थ दोनों पर विचार करना, जिससे बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
  • अनुकूलनशीलता: लचीलेपन के साथ परिवर्तन, असफलताओं और चुनौतियों का सामना करें, अनुकूलनशीलता और नवीनता को बढ़ावा ।
  • व्यक्तिगत कल्याण: उच्च सांवेगिक बुद्धि कम तनाव, बेहतर मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण से संबंधित है, जो निरंतर सफलता और पूर्ति में योगदान देता है।

Q5 Elaborate any one of the following themes in approximately 150 words. [RAS Mains 2021]
 No man should be condemned unheard.

Answer

No man should be condemned unheard

      “No man should be condemned unheard” or that both the sides must be heard before passing any order. A man cannot incur the loss of property or liberty for an offence by a judicial proceeding until he has a fair opportunity of answering the case against him. In many statutes, provisions are made ensuring that a notice is given to a person against whom an order is likely to be passed before a decision is made, but there may be instances where though an authority is vested with the powers to pass such orders which affect the liberty or property of an individual but the statute may not contain a provision for prior hearing. 

A person must be allowed an adequate opportunity to present their case where certain interests and rights may be adversely affected by a decision-maker. To ensure that these rights are respected, the deciding authority must give both the opportunity to prepare and present evidence and to respond to arguments presenting by the opposite side. When conducting an investigation in relation to a complaint it is important that the person being complained against is advised of the allegations in as much detail as possible and given the opportunity to reply to the allegations.

                In the present day, without affording hearing by an unbiased and impartial authority that must act objectively and must also give out his mind, as to what weighed in decision making process, by incorporating reasons to support the decision or, to say so, by giving a speaking order. This is necessary for a society, which is governed by Rule of law. How substantive laws are applied and rights are determined is a question not less important, to say it again, the principles of natural justice are great humanizing principles intended to invest law with fairness to secure justice and to prevent miscarriage of justice. And no man should be condemned unheard.

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