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Subject – समाजशास्त्र
Topic –भारतीय समाज के समक्ष चुनौतियां : दहेज, तलाक एवं बाल विवाह के मुद्दे, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, निर्धनता, बेरोजगारी, मादक पदार्थ व्यसन, कमज़ोर तबके विशेषकर दलित, वृद्ध और द्विव्यांग | राजस्थान में जनजातीय समुदाय : भील, मीणा, गरासिया- समस्याएं व कल्याण
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Q1 भारत में दहेज के विरुद्ध क्या कानूनी उपाय किये गये हैं?
Answer:
Ans. राजस्थान सरकार द्वारा किये गए प्रयास
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना → आर्थिक संबल प्रदान करने ले लिए
- राजस्थान राज्य की बाल विवाह रोकथाम हेतु रणनीति और कार्य योजना 2017 → इसके अंतर्गत राजस्थान को आगामी 10 वर्षो मेंबाल विवाह मुक्त बनाना है
- बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) : 2006 के बाल विवाह निषेध अधिनियम के अंतर्गत नियुक्ति → ये अधिकारी बाल विवाह पर रोक लगाने, पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं | आखा तीज जैसे पर्व पर स्पेशल मोनिटरिंग की जाती है
- विद्यालयों में मीना राजू और गार्गी मंच द्वारा बाल विवाह जैसे कुरितियो के विरुद्ध जागरूकता, राज श्री योजना से बेटियों के प्रति सकारात्मक रवैया
Q2 साम्प्रदायिकता ने भारतीय समाज की संरचना को किस प्रकार प्रभावित किया है?
Answer:
सामाजिक विभाजन: धार्मिक आधार पर विभाजन, अविश्वास और शत्रुता को बढ़ावा देना। उदाहरण के लिए, भारत के विभाजन के दौरान।
- हिंसा और दंगे: सांप्रदायिक तनाव अक्सर हिंसा और दंगों में बदल जाता है, जिससे जान-माल का नुकसान होता है।उदाहरण- 2002 में गुजरात दंगे। (नुह दंगा )
- अंतरधार्मिक संबंध: अंतरधार्मिक संबंधों में तनाव पैदा करता है, जिससे समुदायों के लिए सामंजस्यपूर्ण रूप से सह-अस्तित्व रखना और सामान्य लक्ष्यों के लिए सहयोग करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।उदाहरण- अंतरधार्मिक विवाहों को सामाजिक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है और धार्मिक रूपांतरण का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
- शैक्षिक प्रणाली: प्रभाव के कारण छात्रों में पक्षपातपूर्ण आख्यान और पूर्वाग्रहों को बढ़ावा मिलता है।पाठ्यपुस्तकों और पाठ्यक्रम में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण सांप्रदायिक रूढ़ियों और गलत धारणाओं को मजबूत करता है।
- सांस्कृतिक विखंडन: समाज के सांस्कृतिक ताने-बाने को खंडित करना, बहुलवादी लोकाचार को नष्ट करना जो भारतीय समाज की पहचान रही है। उदाहरण- धार्मिक और विरासत स्थलों पर हमले.
- आर्थिक असमानताएँ: अल्पसंख्यक समुदायों को रोज़गार, व्यवसाय के अवसरों और संसाधनों तक पहुँच में भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।
- ध्रुवीकरण: सांप्रदायिकता समाज का ध्रुवीकरण करती है, ‘हम बनाम वे’ की मानसिकता पैदा करती है और धार्मिक पहचान को गहरा करती है। राजनीतिक दल चुनावी लाभ के लिए इन विभाजनों का फायदा उठाते हैं और समुदायों का ध्रुवीकरण करते हैं।उदाहरण- बाबरी मस्जिद दंगे
इन प्रभावों को संबोधित करने के लिए धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी निकायों, नागरिक समाज संगठनों, धार्मिक नेताओं और मीडिया सहित विभिन्न हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।
Q3 जनजातीय समुदायों के रीति-रिवाज उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा बनाए रखने में किस प्रकार योगदान करते हैं, और इन चुनौतियों से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
Answer:
सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन में योगदान देने वाले रीति-रिवाज और परंपराएँ: | इन चुनौतियों का समाधान करने के उपाय: |
अंतर्विवाह:उदाहरण: समुदाय के भीतर प्रतिबंधित विवाह सामाजिक गतिशीलता को सीमित करता है और आनुवंशिक विकारों को बढ़ाता है। आदिम कृषि पद्धतियाँ:उदाहरण: पुरानी कृषि तकनीकों पर निर्भरता से उत्पादकता और आय कम होती है। सामूहिक भूमि स्वामित्व:उदाहरण: निर्णय लेने की जटिलताएँ निवेश और विकास में बाधा डालती हैं। वस्तु विनिमय प्रणाली:वस्तु विनिमय पर निर्भरता औपचारिक अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण को सीमित करती है। वर्जनाएँ और अंधविश्वास:उदाहरण: सांस्कृतिक मान्यताएँ शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक अवसरों तक पहुंच को प्रतिबंधित करती हैं। | शिक्षा और जागरूकता:उदाहरण: आधुनिक कृषि पद्धतियों और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना। भूमि सुधार:उदाहरण: सामुदायिक हितों की रक्षा करते हुए व्यक्तिगत भूमि स्वामित्व की सुविधा प्रदान करना। कौशल विकास और रोजगार:उदाहरण: अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करना और नौकरी के अवसर पैदा करना। स्वास्थ्य देखभाल पहुंच:उदाहरण: स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना करना और आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को बढ़ावा देना। कानूनी सुधार और सामाजिक जागरूकता:उदाहरण: सामाजिक अभियानों के माध्यम से भेदभावपूर्ण रीति-रिवाजों और प्रतिगामी मान्यताओं को चुनौती देने के लिए कानूनी बदलावों की वकालत करना। |
(2 – 3 जनजाति विशेष कुप्रथाये जरुर लिखे – सुकडी, मौसर , मौताना आदि )
Q.4 नगर विकास न्यास, भरतपुर के अधिशासी अभियंता की ओर से सेवर के पास नाले पर पुलिया बनवाने के लिए निविदा सूचना का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए। [RAS Mains 2021]
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