वन्य जीव संरक्षण की दिशा में राजस्थान में आखेट निषिद्ध क्षेत्रों का निर्धारण किया गया है।
वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा 37 के अनुसार ऐसे क्षेत्रों को आखेट निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है, जिनमें रहने वाले वन्य प्राणियों की सुरक्षा और विकास किया जाये तथा इन जीवों का शिकार वर्जित है। राजस्थान में 26720 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में 33 आखेट निषिद्ध क्षेत्र हैं।
- आखेट निषिद्ध क्षेत्र का क्षेत्रफल – 26,720 वर्ग किमी.
- राज्य में कुल आखेट निषिद्ध क्षेत्र – 33
- राज्य में सर्वाधिक आखेट निषिद्ध क्षेत्रों वाला जिला – जोधपुर (7 आखेट निषिद्ध क्षेत्र)
- क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र – कोटसर, सावंतसर (चुरू)
- क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटा आखेट निषिद्ध क्षेत्र – संथालसागर (जयपुर)
राजस्थान के आखेट निषिद्ध क्षेत्र
क्र. सं. | जिला | आखेट निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या | आखेट निषिद्ध क्षेत्र |
1 | जोधपुर | 7 | डोली, गुडा, विश्नोई, जम्मेव वरजी, ढेचू, साथिन, लोहवट और फीट कासनी |
2 | बीकानेर | 5 | जोड़वीर, वैष्णे, मुकाम, बज्जू और दीयात्रा |
3 | अजमेर | 3 | तिलोरा, सोखलिया और गंगवाना |
4 | अलवर | 2 | जोहड़िया व बोंद |
5 | नागौर | 2 | रोतू और जरोदा |
6 | जैसलमेर | 2 | रामदेवरा व उज्जला |
7 | जयपुर | 2 | सन्थाल और महला) |
8 | उदयपुर | 1 | बाकदरा |
9 | चित्तौड़गढ़ | 1 | मैनाल |
10 | बारां | 1 | सोरसन |
11 | बूंदी | 1 | कनक सागर |
12 | बाड़मेर | 1 | धोरी मन्ना |
13 | पाली | 1 | जवाई बाँध |
14 | चूरू | 1 | सम्वतसर कोटसर |
15 | जालौर | 1 | सांचोर |
16 | टोंक | 1 | रानीपुरा |
17 | सवाई माधोपुर | 1 | कंवालजी |
- सांखलिया (अजमेर) तथा सोरसन (बारां) ही दो ऐसे आखेट निषिद्ध क्षेत्र हैं जहाँ पर राष्ट्रीय मरू उद्यान के अतिरिक्त राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावन पाया जाता है।
- जोधपुर में स्थित जाम्मेश्वर राज्य का दूसरा बड़ा आखेट निषिध क्षेत्र है