साबरमती नदी

साबरमती नदी

साबरमती नदी राजस्थान में उदयपुर के दक्षिण-पश्चिम से निकलकर उदयपुर और सिरोही जिलों में प्रवाहित होकर गुजरात में प्रवेश कर खम्भात की खाड़ी में गिरती है। प्रारम्भ में यह वाकल नदी के नाम से जानी जाती है।साबर व हाथमती नामक दो नदियों की जलधारा के संगम से निर्माण के कारण इसका नाम साबरमती पड़ा।नदी के उद्गम का मूलस्त्रोत अरावली में स्थित धेबार नामक झील है अहमदाबाद और गांधीनगर साबरमती के तट पर बसे हुए है।महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम इसी नदी के किनारे है। साबरमती और उसकी सहायक नदियों पर कई बांध और जलाशय निर्मित हैं।गुजरात के मेहसाणा जिले के धारोय गांव में इस नदी पर धरोई बाँध बनाया गया है। धारोई बाँध मुख्य साबरमती नदी पर स्थित है, जबकि हाथमती बाँध, हरनव बाँध, गुहाई बाँध, मेशवो जलाशय, मेश्वो पिक-अप वियर, माज़म बाँध और वात्रक बाँध, सहायक नदियों पर स्थित हैं।

साबरमती संक्षिप्त सारणी

उद्गमअरावली में स्थित धेबार झील
लम्बाई371 किमी.(राजस्थान 47 व गुजरात 323)
दाईं और से प्रमुख सहायक नदियाँसई नदी
बाईं और से प्रमुख सहायक नदियाँवाकल नदी, हरनव नदी, हथमती नदी,वात्रक नदी
मुहानाखंबात की खाड़ी
बहाव क्षेत्रगुजरात, राजस्थान
प्रमुख बाँधधरोई बाँध (मेहसाणा गुजरात)

साबरमती नदी की सहायक नदियाँ

सेई नदी

  • सेई नदी का उद्गम उदयपुर के पश्चिम में अरावली पर्वत श्रृंखला से होता है। यह दक्षिण-पश्चिम की ओर साबरमती के सामानांतर प्रवाहित होते हुए गुजरात में साबरमती में मिल जाती है।
  • इस नदी की लम्बाई 95 किमी. है तथा कुल अपवाह क्षेत्र 946 वर्ग किलोमीटर का है।
  • सेई बांध (सेई डायवर्शन डैम) उदयपुर की कोटरा तहसील में सेई नदी पर बना एक मिट्टी का ग्रेविटी बांध है। बांध का प्राथमिक उद्देश्य जवाई बाँध के में पानी की आपूर्ति के लिए जलभंडारण करना है।

हथमती नदी

  • हथमती नदी का उद्गम अरावली पर्वत श्रेणी से होता है।
  • इस नदी प्रणाली में हिम्मतनगर के पास हथमती बांध बनाया गया है।
  • सहायक नदी-गुहाई नदी(गुहाई नदी पर गुहाई बाँध बनाया गया है।)

वाकल नदी

  • यह नदी अरावली श्रेणी के दक्षिण-पश्चिमी भाग से निकलती है तथा 158 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद साबरमती नदी में मिल जाती है।
  • सहायक नदी – मानसी और परवी

मेश्वा नदी

  • यह राजस्थान के डूंगरपुर जिले में अरावली श्रेणी की पंचारा पहाड़ियों से निकलती है तथा शामलाजी से गुजरात में प्रवेश करती है।
  • यह गुजरात के उत्तरी व मध्य भाग में बहती हुई साबरमती में मिल जाती है।
  • मेश्वा नदी पर गुजरात में श्यामलजी के निकल मेश्वो बाँध तथा महेमदवाद तालुका के रस्का गांव के पास जलग्रहण बांध का निर्माण किया गया है

वात्रक नदी

  • वात्रक नदी राजस्थान के डूंगरपुर जिले की पांचारा पहाड़ियों से निकलती है।
  • इस नदी की लम्बाई 243 किमी. तथा कुल अपवाह क्षेत्र 8638 वर्ग किमी है।
  • गुजरात के खेड़ा जिला के पास शेढ़ी और मेशवो नदी वर्तक में मिल जाती है तथा अंत में ढोलका के पास वुतहा में यह नदी साबरमती में मिल जाती है।
  • गुजरात के साबरकांठा में इस नदी पर वर्तक बाँध बनाया गया है।
  • सहायक नदियाँ -मेशवो, माज़म, शेढ़ी
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