प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है।
राजस्थान की झीलों का विस्तृत वर्णन
राजस्थान की झीलें जिलेवार
जिला | झीलें |
---|---|
अजमेर | आनासागर, नारायणसागर, लसाड़िया, वसुन्दनी, फॉयसागर, फूलसागर, शिवसागर, रामसर,पुष्कर झील, बूढ़ा पुष्कर, गूंदोलाव तालाब (किशनगढ़) अजगरा, लोरड़ी सागर |
अलवर | जयसमन्द, मंगलसर, सिलिसेढ़, जयसागर,मानसरोवर, देवती, हरसौरा, विजयसागर, बावरिया |
भरतपुर | बंध बैरठा, अजान, लालपुर, मोती झील, सेवर, सीकरी, अवार सागर। |
बूंदी | नवलखा झील, नवलसागर, कनकसागर, जैतसागर,सुरसागर, जिगजैन बाँध (लाखेरी), गुढ़ा, बरधा, बूंदी का गोथड़ा, भीमलत, पाईवालापुरा, अभयपुरा, चाकण, गरदढ़ा। |
बाराँ | गोपालपुरा, उम्मेदसागर, बिलास, रताई, कालीसोत, इकलेरा, छत्तरपुरा, बैंथली, परवन लिफ्ट, ल्हासी, खिरिया, सेमलीफाटक। |
भीलवाड़ा | अडवान,मांडलताल, नाहर सागर, मेजा, सरेरी, अरवर, खारी, जैतपुरा, पार्वती सागर। |
बाँसवाड़ा | माही बजाज सागर, बोरावनगढ़ी। |
बाड़मेर | पचपदरा |
बीकानेर | अनूपसागर, सूरसागर, कोलायत, लूनकरणसर,गजना झील। |
चूरू | तालछप्पर झील |
चित्तौड़गढ़ | गंभीरी, वागन, ओराई, बस्सी, भूपालसागर, बड़गांव, पिण्ड, बांगदारी, सिंहपुर,राणा प्रताप सागर। |
डूंगरपुर | गैबसागर, लाडीसर, सोम-कमला-अम्बा। |
दौसा | माधोसागर बाँध, कालखसागर, सैथलसागर, झिलमिली, मोरेल, देवांचली |
धौलपुर | रामसागर, उर्मिलासागर, पार्बती,तालाबशाही |
हनुमानगढ़ | तलवाड़ा झील |
जयपुर | मानसागर, देवयानी, छापरवाड़ा, घितौली, बुचारा, सांभर झील, पंच पहाड़ी,जमवारामगढ़ |
झुंझुनूं | पन्नालाल शाह तालाब (खेतड़ी) समय तालाब, फतेहसागर तालाब, पिलानी का बिड़ला तालाब, अजीत सागर बाँध। |
झालावाड़ | भीमसागर बंसखेड़ी, डोबरा, छापी, चोली, पृथ्वीपुरा, चैलिया, रेवा, भीमणी, गुलंडी, कालीखाड़, कनवाड़ा, पिपलाद, गागरिन,मानसरोवर |
जोधपुर | कायलाना (सर प्रताप द्वारा निर्मित), उम्मेद सागर, प्रताप सागर, कैलाबा, जसवन्तसागर, बालसमन्द। |
जालौर | बाँकली,बीठल बाँध। |
जैसलमेर | गढीसर, अमरसागर, बुझ झील |
कोटा | कोटा बैराज (कोटा बाँध), जवाहर सागर बाँध, किशोर सागर तालाब (छतरविलास तालाब),सूरसागर,आलनिया(लाडपुरा, कोटा), सावनभादों (सांगोद, कोटा), हरिशचन्द्रसागर बाँध, किशनपुरा, लिफ्ट, आवाँ, लाडपुरा, दाताँ, तकली, नारायण खेड़ा। |
करौली | पाँचना, कालीसिल, खिरखिरी, नींदर, मामचारी, जगर, बिशनसमंद,नाग तलाई |
नागौर | कुचामन झील, डीडवाना झील,भांकरी मोलास |
पाली | हेमावास. सरदारसमंद. सेई. जवाई खारदा. रायपर. लनी. मीठडी. बानियावास. राजसागर |
राजसमंद | राजसमंद, नंदसमंद अगरिया |
सीकर | रायपुर बाँध |
सिरोही | पश्चिमी बनास, ओरा टैंक, अंगोर, नेवारा,नक्की झील |
सवाई माधोपुर | मोरेल, सूरवाल, ढील, पांचोलास, गलाई सागर, बिनोरी सागर, भगवतगढ़, मानसरोवर |
श्रीगंगानगर | शिवपुरहेड झील |
टोंक | गलवा, माशी, टोरडी सागर, चांद सेन, मोतीसागर, गलवानिया, बीसलपुर बांध। |
उदयपुर | उदयसागर, स्वरूपसागर, दूधतलाई, जयसमंद झील, सोम, कागदर, फतेहसागर झील, डाया, बड़ी टैंक, पिछोला, मामेर, रोहिणी। |
प्रतापगढ़ | जाखम बाँध, जल सागर. भँवर सेमला। |
राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना (NLCP), राजस्थान
केंद्र सरकार द्वारा देश की झीलों की महत्ता को बनाये रखने के लिये वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन मई, 2001 में राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना लागू की गई। इस योजना के अंतर्गत प्रदूषित झीलों के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए एक कार्यक्रम अनुमोदित किया था। स्कीम का उद्देश्य प्रदूषित एवं अवक्रमित झीलों और उसी प्रकार के अन्य निकायों जैसे टैंक/तालाब आदि का पुनरूद्वार एवं संरक्षण करना है। NLCP के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप झील परिस्थिति में सुधार हुआ है और सौंदर्य और पर्यटन मूल्यों को बढ़ावा मिला है। प्रारम्भ में केंद्र व राज्य का अंशदान 70 : 30 था जो 1 अप्रैल 2016 से 60:40 हो गया है। स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) विभाग इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसी है।
राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना के अंतर्गत राजस्थान की निम्न 6 झीलों को शामिल किया गया है:-
- फतेह सागर, उदयपुर
- पिछोला, उदयपुर
- आना सागर, अजमेर
- पुष्कर, अजमेर
- नक्की, माउंट आबू, सिरोही
- मानसागर झील, जयपुर