राजस्थान की जलवायु

राजस्थान की जलवायु

राजस्थान की जलवायु: जलवायु का समान्य अभिप्राय किसी क्षेत्र में मौसम की औसत दशाओं से है। समान्यत: मौसम की औसत दशाओं का ज्ञान किसी क्षेत्र के तापमान, आद्रता, वर्षा, वायुदाव आदि का दीर्घकाल तक अध्ययन करने से होता है।


किसी भी क्षेत्र विशेष की जलवायु को प्रभावित करने वाले घटक – अक्षांश स्थिति, समुद्र तट से दूरी तथा ऊँचाई, वायुवेग, पहाड़, आंधी, तूफान आदि।


राजस्थान की जलवायु शुष्क से उपआद्र मानसूनी है। यहां वर्षा मानसूनी हवाओं से होती है। तापमान की दृष्टि से इसके मरुस्थलीय क्षेत्रों में पर्याप्त विषमता पाई जाती है।

राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण 3 प्रकार से किया गया है :-

Climatic Regions of Rajasthan – Read this article in English

तापमान और वर्षा की मात्रा के आधार पर जलवायु का वर्गीकरण

तापमान और वर्षा की मात्रा के आधार पर राजस्थान को निम्न पाँच भागों में विभक्त किया गया है:-

  1. शुष्क जलवायु प्रदेश
  2. अर्द्ध-शुष्क जलवायु प्रदेश
  3. उप-आर्द्र जलवायु प्रदेश
  4. आर्द्र जलवायु प्रदेश
  5. अति आर्द्र जलवायु प्रदेश

शुष्क जलवायु प्रदेश

  • इस प्रदेश में शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु दशाएँ पाई जाती हैं।
  • इसके अंतर्गत जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर का पश्चिमी भाग, गंगानगर का दक्षिणी भाग और जोधपुर की फलौदी तहसील का पश्चिमी भाग आता है।
  • यहां तापमान ग्रीष्म ॠतु में 34 डिग्री से० से अधिक तथा शीत ॠतु में 12-16 डिग्री से० के मध्य रहता है।
  • वर्षा का औसत 10-20 सेमी. है।
  • इस क्षेत्र में वनस्पति का आभाव पाया जाता है। कुछ भागों में जल प्राप्ति से विशेष प्रकार की घास ऊग जाती है।

अर्द्ध-शुष्क जलवायु प्रदेश

  • इस प्रदेश के अंतर्गत गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर जिलों के पश्चिमी भागों के अतिरिक्त सभी भाग चुरु, सीकर, झुंझुनू, नागौर, पाली व जालौर के पश्चिमी भाग सम्मिलित हैं।
  • इस प्रदेश का औसत तापमान ग्रीष्म ॠतु में 32-36 डिग्री से० तथा शीत ॠतु में 10-16 डिग्री से० तक पाया जाता है।
  • वर्षा का औसत 20-40 सेमी. तक रहता है।
  • राजस्थान की ज्यादातर खारे पानी की झीलें इसी क्षेत्र में स्थित है।
  • इस क्षेत्र में बबूल के वृक्ष तथा कंटीली झाड़ियां पाई जाती हैं।

उप-आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रदेश के अंतर्गत अलवर, जयपुर, अजमेर जिले, झुंझुनू, सीकर, पाली व जालौर जिलों के पूर्वी भाग तथा टौंक, भीलवाड़ा व सिरोही के उत्तरी-पश्चिम भाग आते है।
  • इस प्रदेश का औसत तापमान ग्रीष्म ॠतु में 28-34 डिग्री से० तथा शीत ॠतु में 12 डिग्री से० उत्तरी क्षेत्रों में तथा 18 डिग्री से० दक्षिणी भागों में रहता है।
  • इस क्षेत्र में अल्पमात्रा में प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है।

आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इसके अंतर्गत भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, दक्षिणी-पूर्वी टोंक तथा उत्तरी चित्तौड़गढ़ के जिले सम्मिलित हैं।
  • इस प्रदेश में औसत तापमान ग्रीष्म ॠतु में 32-34 डिग्री से० तथा शीत ॠतु में 14-17 डिग्री से० तक रहता है।
  • यहां वर्षा का औसत 60-80 सेमी. के मध्य रहता है।
  • यहां नीम, शीशम, पीपल, जामुन आदि वृक्ष पाए जाते है।

अति आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इसके अंतर्गत दक्षिण-पूर्वी कोटा, झालावाड़, बांसवाड़ा जिले, उदयपुर जिले का दक्षिण-पश्चिमी भाग तथा माउण्ट आबू के समीपवर्ती भू-भाग सम्मिलित हैं।
  • इस प्रदेश का औसत तापमान ग्रीष्म ॠतु में 34 -36 डिग्री से० तथा शीत ॠतु मे 14-17 डिग्री से० के मध्य रहता है।
  • यहां वर्षा का औसत 80-150 सेमी. पाया जाता है।
  • माउंट आबू में राज्य की सर्वाधिक वर्षा अंकित की जाती है।
  • प्राकृतिक वनस्पति की दृष्टि से यह राज्य का सर्वाधिक संपन्न क्षेत्र है।

कोपेन के अनुसार जलवायु का वर्गीकरण

  • जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।
  • कोपेन ने अपने वर्गीकरण में जलवायु को पाँच समूहों-उष्णकटिबंधीय, शुष्क जलवायु, उष्ण शीतोष्ण, महाद्वीपीय, ध्रुवीय या शीत जलवायु समूह में विभाजित किया है।

कोपेन जलवायु वर्गीकरण प्रतीक तालिका

जलवायु समूहउप-प्रकारतापमान की उग्रता
A: उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु

B: शुष्क जलवायु

C: उष्ण शीतोष्ण

D: महाद्वीपीय

E: ध्रुवीय या शीत जलवायु
S:स्तेपी (अर्द्धशुष्क)

W: मरूस्थल

f: शुष्क मौसम न होना

m: मानसून जलवायु


w: शुष्क शीत ऋतु


s: शुष्क ग्रीष्म ऋतु
h: गर्म शुष्क

k: ठंड शुष्क


a: गर्म ग्रीष्म


b: ग्रीष्म


c: शीतल ग्रीष्म


d: अत्यंत महाद्वीपीय


F: ध्रुवीय


T: ध्रुवीय

कोपेन ने राजस्थान की जलवायु को 4 भागों में बांटा है:-

AW या ऊष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु राजस्थान के दक्षिणी तथा दक्षिणी-पूर्वी भाग में पाई जाती है।
  • इस जलवायु प्रदेश के अंतर्गत डूंगरपुर जिले का दक्षिणी भाग एवं बांसवाड़ा,चित्तौड़गढ़ व झालावाड़ आते हैं।
  • यहाँ का तापक्रम शीत ऋतु में भी 18° से. से ऊपर रहता है।
  • इस प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी होती है।
  • यहाँ की वनस्पति सवाना तुल्य एवं मानसूनी पतझड़ वाली हैं।
  • औसत वर्षा – 80 सेमी. से अधिक

Bshw या अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु जालौर, बाड़मेर, सिरोही, पाली, नागौर, जोधपुर, चूरू, सीकर, झुंझुनूं आदि में पाई जाती है।
  • इस प्रदेश में शीत ऋतु शुष्क होती है तथा वर्षा भी कम (20-40 cm) होती है।
  • यहाँ स्टैपी प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। कांटेदार झाड़ियाँ एवं घास यहाँ की मुख्य विशेषता है।

BWhw या उष्ण कटिबंधीय शुष्क मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु राजस्थान के पश्चिमी भाग में पाई जाती है। यहाँ वर्षा बहुत कम होने के कारण वाष्पीकरण अधिक होता है।
  • इस प्रदेश में मरुस्थलीय जलवायु पायी जाती है।
  • इस प्रदेश के अन्तर्गत-जैसलमेर, पश्चिमी बीकानेर, उत्तर पश्चिमी जोधपुर, हनुमानगढ़ तथा गंगानगर आदि आते हैं।

Cwg या उपोष्ण कटिबंधीय आद्र जलवायु प्रदेश

  • अरावली के दक्षिण-पूर्वी भाग इस जलवायु प्रदेश में आते हैं।
  • यहाँ वर्षा केवल वर्षा ऋतु में होती है।
कोपेन के अनुसार जलवायु का वर्गीकरण

थॉर्नवेट के अनुसार जलवायु का वर्गीकरण

थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।
राजस्थान को मोटे तौर पर निम्नलिखित चार क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:-

CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु दक्षिणी-पूर्वी उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा, बारां, झालावाड़ आदि जिलों में पाई जाती है।
  • यहाँ ग्रीष्म ऋतु में वर्षा होती है तथा शीत ऋतु प्रायः सूखी रहती है।
  • यहां सवाना तथा मानसूनी वनस्पति पायी जाती है।

DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु राजस्थान के अधिकांश भाग में पाई जाती है।
  • यहाँ ग्रीष्मकाल में तापमान उच्च रहता है तथा वर्षा कम होती है।
  • यहाँ अर्द्ध मरुस्थलीय वनस्पति पायी जाती है।
  • बाड़मेर व जोधपुर का अधिकांश भाग, बीकानेर, चूरू एवं झुंझुनू का दक्षिणी भाग, सिरोही, जालौर, पाली, अजमेर, उत्तरी चित्तौड़, बूंदी, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, भरतपुर, जयपुर, अलवर आदि जिले इस जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत आते हैं।

DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश

  • इस जलवायु प्रदेश के भागों में शीत ऋतु छोटी और शुष्क किन्तु ग्रीष्म ऋतु लम्बी और वर्षा वाली होती है।
  • यहाँ कंटीली झाड़ियाँ और अर्द्ध-मरुस्थलीय वनस्पति पायी जाती है।
  • राजस्थान के उत्तरी भाग गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरु, बीकानेर जिले तथा झुंझुनू का उत्तरी भाग आदि इस प्रदेश में आते हैं।

EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवाय

  • यह अत्यन्त गर्म और शुष्क जलवायु प्रदेश है।
  • राजस्थान के मरुस्थल जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, पश्चिमी जोधपुर, दक्षिणी-पश्चिमी बीकानेर आदि इस प्रदेश के अन्तर्गत आते हैं।
  • यहां प्रत्येक मौसम में वर्षा की कमी अनुभव की जाती है।
  • यहाँ केवल मरुस्थलीय वनस्पति ही उगती है।
थॉर्नवेट के अनुसार जलवायु का वर्गीकरण

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