धरती धोरां री
महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया द्वारा रचित राजस्थानी गीत ‘धरती धोरां री !‘ राजस्थान का वंदना गीत बन चुका है। राजस्थान का सरस, गौरवशाली वर्णन करने वाले इस गीत के बोल हर राजस्थानी के मन में प्रदेश के गौरव एवं स्वाभिमान को जगाते हैं। गीत में प्रयुक्त अलंकारिक भाषा, भाव, कल्पना, रस — इन सब में गौरव …