भूगोल

राजस्थान में वन्यजीव संरक्षण | कृत्रिम हैचिंग सेन्टर से गोडावण को बचाने में होंगे कामयाब | राजस्थान का पर्यावरण

कृत्रिम हैचिंग सेन्टर से गोडावण को बचाने में होंगे कामयाब

राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के संरक्षण के लिए 24 जून को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर में अण्डा एकत्रीकरण एवं कृत्रिम हैचिंग केन्द्र शुरू होने पर प्रसन्नता जाहिर की है। गोडावण पक्षी की विलुप्त होती जा रही प्रजाति के संरक्षण के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यू.आई.आई.) देहरादून के सहयोग से विश्व में …

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राजस्थान में जल संचय कलात्मक स्थापत्य

राजस्थान में जल संचय कलात्मक स्थापत्य

जल केवल जल नहीं है बल्कि यह जीवन का रस है, जीवनी शक्ति है और इसी में जीवन की गति है। जल हमारे लिए ईश्वरका सबसे बड़ा वरदान है जो हमें वर्षा, झरनों, धरती के स्रोतों, नदियों, तालाबों, कूपों और बांधों आदि से प्राप्त होता है। अत: यह हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम इस …

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खेजड़ी - राजस्थान का राज्य वृक्ष

खेजड़ी – राजस्थान का राज्य वृक्ष

राजस्थान की शुष्क जलवायु के कारण यहां की वनस्पतियां पारिस्थितिकी के अनुकूल विशिष्टता लिए हुए होती हैं। प्रदेश का एक बड़ा भू-भाग मरुस्थलीय होने का कारण यहां कम पानी में पनपने वाले पेड़-पौधे अधिक पाये जाते हैं। खेजड़ी एक ऐसा ही पेड़ है जो यहां बहुतायत से पाया जाता है। इस बहुउद्देश्यीय वृक्ष का प्रत्येक …

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आदिग्रन्थो में जल का महिमा वर्णन

आदिग्रन्थो में जल का महिमा वर्णन

आदिग्रन्थो में जल का महिमा वर्णन: सृष्टि के प्रारम्भ से ही जनमानस में जल का विशेष महत्त्व रहा है। भारतीय संस्कृति में जल को जीवन का आधार माना गया है। जीवन के उद्भव और विकास का आधार होने के कारण ही जल को सदैव सहेजने की परम्परा रही है। नदियों को देव तुल्य मानते हुए …

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