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Subject – प्रशासनिक नीतिशास्त्र
Topic -नीतिशास्त्र एवं मानवीय मूल्य- महापुरूषों, समाज सुधारकों तथा प्रशासकों के जीवन से प्राप्त शिक्षा। परिवार, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का मानवीय मूल्यों को विकसित करने में योगदान |पत्र लेखन – सामान्य कार्यालय पत्र,कार्यालय आदेश, अर्धशासकीय पत्र, अनुस्मारक
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Q1 मानवीय मूल्यों के संवर्द्धन में धर्म/मज़हब की भूमिका समझाइए । (2M)
धर्म की भूमिका –
- हिंदू धर्म – नीतिपरायणता, मोक्ष और आध्यात्मिकता जैसे मूल्यों को विकसित करता है
- इस्लाम – शांति, विश्वास, प्रार्थना, उपवास, दान और दया (रहम) जैसे मूल्यों को विकसित करता है
- सिख धर्म – सेवा, बलिदान, वीरता, न्याय जैसे मूल्यों को विकसित करता है
- ईसाई धर्म – करुणा, प्रेम, सहानुभूति, विनम्रता, सेवा जैसे मूल्यों को विकसित करता है
- पारसी धर्म – खुशी, विश्वास, द्वैतवाद (अच्छाई और बुराई दोनों) आदि मूल्यों को विकसित करता है
Q2 मूल्य मानव जीवन में गहराई से समाहित हैं और इसलिए प्रकृति और दायरे में बहुत व्यापक हैं। व्याख्या कीजिये(5M)
मूल्य वह मार्गदर्शक सिद्धांत, विचारधारा और विश्वास हैं जिन्हें व्यक्ति अपनाने की आकांक्षा रखता है। जैसे – न्याय, साहस, संयम
बहुत व्यापक दायरा क्योंकि मानव जीवन के हर चरण में मूल्यों की आवश्यकता होती है –
1. बचपन –
○ पारिवारिक मूल्य जैसे – देखभाल, प्यार, करुणा और सहानुभूति
○ स्कूल/शैक्षणि क मूल्य जैसे – अनुशासन और तर्कसंगत सोच
2. समाज – सामाजिक मूल्य जैसे भाईचारा , न्याय, सहिष्णुता , सद्भाव, निष्पक्षता , सम्मान, आदि
3. संगठन – व्यावसायिक मूल्य जैसे उत्कृष्टता , दक्षता , अनुशासन, नवाचार, आदि
4. राष्ट्र – लोकतांत्रिक मूल्य जैसे वैधानिकता , कानून का सम्मान करना , समानता आदि
5. सार्वभौमिक मूल्य – जैसे खुशी , बुद्धिमत्ता , संतोष, शांति , अहिंसा , आदि
प्रकृति में बहुत व्यापक है क्योंकि मूल्यों के स्रोत अलग-अलग हैं –
1. आंतरिक स्रोत – आध्यात्मिकता , आत्मसम्मान, सचेतनता
2. बाहरी स्रोत – कानून, सामाजिकमानदंड, नियम और विनियम, आचार संहिता , सामाजिकदिशा निर्देश, आदि
3. साधन के रूप में (सहायक मूल्य) – धन, सुपोषण, आदि
4. साध्य के रूप में – प्रेम, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता आदि जैसे
Q3. अगर किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त होना है और सुंदर दिमागों का देश बनना है, तो मुझे दृढ़ता से लगता है कि तीन प्रमुख सामाजिक सदस्य हैं जो बदलाव ला सकते हैं। वे हैं – पिता , माता और शिक्षक – एपीजे अब्दुल कलाम। इस कथन के संदर्भ में, मनुष्य के नैतिक विकास में परिवार और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर चर्चा करें।(10M)
भारतीय गणतंत्र के 14वें राष्ट्रपति स्वर्गीय ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को जनता के राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता था। उनके नैतिक व्यक्तित्व पर उनके माता-पिता और शिक्षकों का बहुत प्रभाव था।
नैतिक विकास में परिवार की भूमिका –
Role of | Values |
दादा-दादी | एक बच्चे का पहला दार्शनिकमूल्य – योग और ध्यान (शारीरिक मूल्य), पर्यावरण नैतिकता |
पिता | एक बच्चे का प्रथम मार्गदर्शकमूल्य – कर्तव्यपरायणता, त्याग, अनुशासन, साहस, कड़ी मेहनत, सुरक्षा की भावनामैरीलैंड विश्वविद्यालय का अध्ययन – प्यार और देखभाल करने वाले पिता = अधिक आत्मविश्वासी बेटी |
माता | एक बच्चे का प्रथम शिक्षकमूल्य – स्नेह, प्रेम, त्याग, धैर्य, निःस्वार्थतागांधीजी ने अपनी मां पुतलीबाई से सत्याग्रह की तकनीक सीखीमैं जो कुछ भी हूं या बनने की आशा रखता हूं, उसके लिए मैं अपनी मां का ऋणी हूं – अब्राहम लिंकन ब्रह्माण्ड में शक्ति की प्रत्येक अभिव्यक्ति माँ है – स्वामी विवेकानन्दनैन्सी मैथ्यू इलियट – – थॉमस एडिसन की माँसुभद्रा – अभिमन्यु की माताजीजाबाई – शिवाजी की माता (साहस का मूल्य) |
भाई-बहन | मूल्य – देखभाल करना, साझा करना (खिलौने, जगह, खाने-पीने का सामान), सहयोग, भाईचारा, टीम वर्क, क्षमा (लड़ो और माफ़ करो)उदाहरण – 5 पांडव, राम-लक्ष्मण, ज़ोरावर सिंह और फ़तेह सिंह, फोगाट बहनें, इरफ़ान और यूसुफ़ पठान |
जीवनसाथी | सहयोगी जीवनसाथी – कार्य में बेहतर दक्षताEx – नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति ने इन्फोसिस शुरू करने के लिए 10 हजार का निवेश किया |
नैतिक विकास में शिक्षकों की भूमिका –
Role of | Values |
शिक्षक | अनुशासन, तर्कसंगत सोचविचारधारा को आकार – गोखले ने गांधीजी की राजनीतिक विचारधारा को आकार दियाअरस्तू ने सिकंदर को नैतिकता की शिक्षा दी। सिकंदर ने कभी भी पराजित लोगों पर अपनी संस्कृति/धर्म नहीं थोपाचाणक्य ने चन्द्रगुप्त को महान शासक बनाया |
पाठ्यक्रम | नागरिक शास्त्र – नेतृत्व, न्याय, भाईचारा, विविधता, मानवताइतिहास – देशभक्ति, बलिदान, संयम आदि विज्ञान – क्रिटिकल थिंकिंग, तर्कसंगतता, नवाचार आदि अर्थशास्त्र – उद्यमिता, मुक्त और निष्पक्ष व्यापार, विश्वास, दक्षता |
पाठ्येतर गतिविधियां(एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज़) | खेल – नेतृत्व, टीम-भावना, सहयोगात्मक व्यवहारउदाहरण – कतर में विश्व कप 2022 मैच के बाद, जापानी प्रशंसकों ने स्टेडियम की सफाई कीकॉलेज-उत्सव – जिम्मेदारी , प्रबंधनवाद-विवाद – तर्कसंगत सोच, प्रबोधन, समझौता सुबह की प्रार्थना – आध्यात्मिक और नैतिक विकास, अनुशासनदीवार पेंटिंग – ईमानदारी सबसे अच्छी नीति हैमध्याह्न भोजन – समानता, पोषणस्कूल की वर्दी – अनुशासन, स्वच्छता |
निष्कर्ष – NEP 2020 (नई शिक्षा नीति) माता-पिता की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है और एक बच्चे में नैतिक तर्क और पारंपरिक भारतीय मूल्य प्रणाली को विकसित करने के लिए स्कूलों और परिवारों के बीच संचार को बढ़ावा देती है।
Q4. अपने क्षेत्र के पोस्टमास्टर साहब को इस आशय का पत्र लिखिए कि आपके क्षेत्र में डाक का वितरण ठीक से नहीं हो रहा है ।
क ख ग
च छ ज गार्डन
जयपुर।
14 अक्टूबर 2023
सेवा में,
पोस्टमास्टर महोदय
डाकघर, च छ ज गार्डन
जयपुर।
विषय: डाक वितरण की अनियमितताओं के संबंध में।
संदर्भ: 12 अक्टूबर 2023 को आयोजित च छ ज गार्डन कल्याण समिति की बैठक में मिली लिखित शिकायतें।
महोदय
मैं च छ ज गार्डन बी-27 का रहने वाला हूँ। मैं इस पत्र के द्वारा अपने क्षेत्र की डाक वितरण की अनियमितताओं की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूँ।
मान्यवर, पिछले चार माह से इस क्षेत्र में डाक-वितरण का काम ठीक से नहीं हो रहा है। पोस्टमैन पत्रों को या तो घरों के जीने में फेंक जाता है या जीने के सामने खड़े किसी बच्चे के हाथ में पकड़ा जाता है। अनेक बार महत्त्वपूर्ण पत्र या तो दूसरे के घरों में पहुँच जाते हैं या देर से मिलते हैं। डाक-वितरण की व्यवस्था दिन में तीन बार है, जबकि हमारे पोस्टमैन महोदय एक से अधिक बार नहीं आते। हमारे क्षेत्र के निवासियों की आम शिकायत है कि ये पोस्टमैन साहब त्यौहारों के अवसर पर बखशीश देने को बाध्य करते हैं तथा न देने वालों की डाक में गड़बड़ी कर देते हैं। कई बार हमने पोस्टमैन को समझाने की चेष्टा की, मगर उसके कान पर तक न रेंगी। इसीलिए हारकर हमें आपका दरवाजा खटखटाना पड़ा। अतः आपसे प्रार्थना है कि आप इस विषय में जाँच-पड़ताल कर डाक वितरण ठीक करने की कृपा करें तथा संबंधित पोस्टमैन को उचित चेतावनी देकर यथासंभव उन्हें दंडित करें। इसके लिए हम आपके सदैव आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
संलग्न : बैठक में मिली लिखित शिकायतों की छायाप्रतियां। भवदीय
क ख ग
सचिव
च छ ज गार्डन कल्याण समिति,
जयपुर।
प्रतिलिपि : सूचनार्थ व आवश्यक कार्यवाही हेतु –
- हैड पोस्टमास्टर, प्रधान डाकघर, जयपुर।
- रक्षित पत्रावली
भवदीय
क ख ग