तिलवाड़ा की सभ्यता
बाड़मेर जिले में लूणी नदी के तट पर अवस्थित तिलवाड़ा में 1966-67 ई. में एक टीले पर उत्खनन किया गया। डॉ. वी. एन. मिश्र इस सभ्यता का काल 500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी तक मानते हैं। उत्खनन में पाँच आवास स्थलों के अवशेष मिले हैं। यहाँ पर उत्तर पाषाण काल के अवशेष प्राप्त हुए है।
नदी | लूणी नदी |
जिला | बाड़मेर |
उत्खनन वर्ष | 1966-67 ई. |
सभ्यता का काल | 500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी |
तिलवाड़ा से प्राप्त अवशेष :
- तिलवाड़ा से चाक पर बने सलेटी व लाल रंग के मृद्भाण्ड, सिलबट्टा, जली हड्डियाँ, बर्तनों व सूक्ष्म उपकरणों के टुकड़े मिले हैं।
- यहाँ एक अग्नि कुण्ड भी मिला है, जिसमें मानव अस्थिभस्म तथा मृत पशुओं के अस्थि अवशेष मिले हैं जो यहाँ के मानव की आखेटवृत्ति की पुष्टि करते हैं।
तिलवाड़ा की सभ्यता