गणेश्वर सभ्यता

गणेश्वर सभ्यता

गणेश्वर सभ्यता

सीकर जिले के नीम का थाना कस्बे में कांतली नदी के उद्गम पर स्थित गणेश्वर ताम्रयुगीन संस्कृति का महत्त्वपूर्ण स्थल है। रतनचन्द्र अग्रवाल के निर्देशन में हुए उत्खनन से यहाँ 2800 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं। गणेश्वर से बड़ी मात्रा में तांबे के आयुध व उपकरण मिले हैं जो इसे ताम्रयुगीन सभ्यताओं में प्राचीनतम सिद्ध करती हैं। यहाँ से प्राप्त तांबे के उपकरणों व पात्रों में 99 प्रतिशत तांबा है, जो इस क्षेत्र में तांबे की प्रचुर प्राप्ति का प्रमाण है। यहाँ से काले व नीले रंग से सजाये हुऐ मिट्टी के कृपषवर्णी पात्र प्राप्त हुए है। गणेश्वर को भारत की ताम्र सभ्यताओं की जननी माना जाता है। यहाँ से तांबा हड़प्पा व मोहनजोदड़ो को भी भेजा जाता था ।

सभ्यताताम्रयुगीन सभ्यता (2800 ईसा पूर्व )
जिलासीकर
खुदाई स्थलनीम का थाना
नदी क्षेत्रकांतली नदी
उत्खनन कार्यरतनचन्द्र अग्रवाल (1966 ई.)

गणेश्वर सभ्यता से प्राप्त अवशेष

  • काले व नीले रंग से अंलकृत कृपषवर्णी मृद्पात्र
  • यहाँ से मकानों के निर्माण हेतु पत्थर का प्रयोग करने के साक्ष्य मिलते हैं।
  • बस्ती को बाढ़ से बचाने के लिए पत्थर के बाँध के साक्ष्य भी मिले है।
  • कुल्हाड़े तीरे, भाले, सुईंया, मछली पकड़ने के कांटे आदि भी यहाँ से प्राप्त हुए हैं।
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