भीनमाल की सभ्यता
जालौर जिला में स्थित भीनमाल से 1953-54 ई. में श्री रत्नचन्द्र अग्रवाल द्वारा उत्खनन कार्य करवाया गया। भीनमाल प्राचीन काल में श्रीमाल के नाम से जाना जाता था। शिशुपाल वध के रचयिता महाकवि माघ का कार्यक्षेत्र यही था । गुप्तकालीन विद्वान ब्रह्मगुप्त का जन्म स्थान भी भीनमाल में था। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी भीनमाल की यात्रा की थी।
सभ्यता | गुप्तकालीन |
जिला | जालौर |
उत्खनन कर्ता | श्री रत्नचन्द्र अग्रवाल (1953-54 ई.) |
भीनमाल की सभ्यता से प्राप्त अवशेष :
- उत्खनन में मृद्भाण्ड तथा शक क्षत्रपों के सिक्के मिले हैं। मृद्पात्रों पर विदेशी प्रभाव दृष्टिगोचर होता है ।
- यहाँ से रोमन एम्फोरा(सुरापात्र) व एक यूनानी दुहत्थी सुराही मिली है, जो यूनान के साथ व्यापारिक संबंधों को प्रकट करती है।