19 June RAS Mains Answer Writing- Indian Economy

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SUBJECT – भारतीय अर्थव्यवस्था

TOPIC – आर्थिक गतिविधियों में सरकार की भूमिका। निजी, सार्वजनिक और मेरिट वस्तुएं | सामाजिक क्षेत्र- गरीबी, बेरोजगारी और असमानता। स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा नीति। प्रभावी नियामक की समस्या। आर्थिक विकास में राज्य की भूमिका को पुनर्भाषित करना और रोजगार उन्मुख वृद्धि व्यूह रचना।

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Q1 लाडो प्रोत्साहन योजना के बारे में लिखें। 2M

Answer:

घोषणा: राजस्थान बजट 2024-25 में पेश किया गया।

लाभ:गरीब परिवारों की लड़की के जन्म पर 1,00,000 रु. का बचत बांड प्रदान करता है।

उद्देश्य: लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों का मुकाबला करना.

Q2  बहुआयामी गरीबी सूचकांक की गणना की विधि का वर्णन करते हुए बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2022 में भारत की स्थिति पर चर्चा 
      कीजिये ।5M

Answer:

बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड गरीबी व मानव विकास पहल व संयुक्त राष्ट विकास कार्यक्रम द्वारा जारी किया जाता है।

बहुआयामी गरीबी सूचकांक के मापन हेतु तरीकें 

  • MPI हेतु गरीबी मापन के तीन आयाम है।:- स्वास्थ्य ,शिक्षा, जीवन स्तर ।
  • प्रत्येक स्तर को समान ⅓ भार दिया गया है ।
  • प्रत्येक आयाम पुनः अन्य संकेतकों मे विभाजित किए जाते है। जैसे:- 
  • unchecked

एक व्यक्ति बहुआयामी रूप से गरीब समझा जाता  है यदि वह संकेतको के कम से कम ⅓ भाग से वंचित है।

MPI 2022 में भारत का स्थान 

  1. भारत की 16.4% जनसंख्या बहुआयामी गरीबी में शामिल है।
  2. संख्या में देखे तो 23 करोङ व्यक्ति बहुआयामी गरीबी में जी रहें है। 
  3. बहुआयामी गरीबी सूचकांक -2022 में भारत का प्रथम स्थान है। 
  4. MPI मान है  – 0.069
  5. प्रगति :-2005 में 55% व्यक्ति बहुआयामी गरीबी में थें ,41.5 करोङ लोग 2005-06 सें 2019-21 में गरीबी सें बहार आए हैं।

Q3 सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं को सूचीबद्ध करें। साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी संकेतकों का उपयोग कर स्वास्थ्य में सुधार पर भी चर्चा करें | 10M

Answer:

SDG लक्ष्य 3, देशों  से सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और उनकी खुशहाली को बढ़ावा देने का आह्वान करता है। इसके अनुरूप, भारत ने अपने सभी नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों को लागू किया है।

प्रमुख योजनाएँ – 

आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन- आरोग्य योजना (PM-JAY)जननी सुरक्षा योजना – गरीब गर्भवती महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करनाप्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना – प्रसव और शिशु देखभाल के दौरान मजदूरी की हानि के लिए महिलाओं को आंशिक मजदूरी मुआवजा
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (SUMAN) –  रोकथाम योग्य मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को शून्य करने के लिए e-Sanjeevani OPD – भारत की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage UHC) प्राप्त करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य समानता (digital health equity) की दिशा में एक कदम है। Social Awareness and Actions to Neutralize Pneumonia Successfully (SAANS) – बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों को कम करने के लिए नवंबर 2019 में शुरू किया गया
निःशुल्क दवाएँ और निदान सेवामातृत्व लाभ अधिनियम– 6 महीने का सवेतन मातृत्व अवकाशप्रधानमंत्री उज्जवला योजना – महिलाओं और बच्चों को धुंआदार ईंधन और लकड़ी के बजाय खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन, एल.पी.जी. उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य में सुधार करना
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम – सस्ती डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध कराकर जिला अस्पतालों को मजबूत बनानाआयुष्मान भारतस्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र– नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ कर दिया गया और टैगलाइन ‘आरोग्यम परमं धनम्’ रखी गई1.5 लाख स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों का निर्माणआयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना [द्वितीयक और तृतीयक देखभाल के लिए 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा]
पोषण अभियान – बौनापन, कुपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में) को कम करना तथा जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की संख्या में क्रमशः 2%, 2%, 3% और 2% प्रति वर्ष की कमी लाना।एनीमिया मुक्त भारत रणनीति – छह लाभार्थी आयु समूहों – बच्चों (6-59 महीने), बच्चों (5-9 वर्ष), किशोरों (10-19 वर्ष), गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा प्रजनन आयु समूह (15-49 वर्ष) की महिलाओं में एनीमिया को कम करना।कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम – 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को शामिल करने के लिए तथा 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों के लिए एहतियाती खुराक (precautionary dose) के लिए
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन –  देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को समर्थन देने के लिए आवश्यक आधारआयुष्मान भारत – स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन – सभी स्तरों अर्थात प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक पर ध्यान केन्द्रित करना तथा वर्तमान और भविष्य की महामारियों/आपदाओं से प्रभावी रूप से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार करना।मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2021 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 टीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017
HIV और AIDS (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 2017 मिशन इंद्रधनुष 2014 राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम 2014 
स्वच्छ भारत अभियान 2014 प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान- 2022 से 2025 तक टीबी को समाप्त किया जाएगा राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (Tele MANAS)
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

समग्र स्वास्थ्य में सुधार – 

  • कुल प्रजनन दर (प्रति महिला बच्चे) 2.2 (एनएफएचएस-4) से घटकर 2.0 (एनएफएचएस-5) हो गई
  • स्वास्थ्य बीमा कवरेज 28.7% (एनएफएचएस-4) से बढ़कर 41.0% (एनएफएचएस-5) हो गया
  • संस्थागत जन्म 78.9% (एनएफएचएस-4) से बढ़कर 88.6% (एनएफएचएस-5) हुआ
  • शिशु मृत्यु दर 40.7% (एनएफएचएस-4) से घटकर 35.2% (एनएफएचएस-5) हो गई
  • 5 वर्ष से कम आयु के अविकसित बच्चों (आयु के अनुसार लंबाई) की संख्या 38.4% (NFHS-4) से घटकर 35.5% (NFHS-5) हो गई।
  • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में कमज़ोरी (ऊंचाई के अनुपात में वजन) 21.0% (NFHS-4) से घटकर 19.3% (NFHS-5) हो गई।

निष्कर्ष के रूप में, भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) का लाभ उठाने और अमृत काल के अगले 25 वर्षों के दौरान राष्ट्र की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देना सर्वोपरि है।

Q4. Write a letter to the Editor of a national newspaper emphasizing the need for compulsory rural posting for doctors.

Answer:

Sungleam Society 
Indiranagar 
Jaipur 

24 December, 2023

The Senior Editor 
The Hindustan Times 
Jaipur 

Subject: Compulsory rural posting for doctors.

Respected Sir

Over 100 million people live in rural India but India’s rural health service is non-existent. Most of the states face an acute shortage of doctors. The doctor-patient ratio in the country is 1: 2000 but most of the doctors are concentrated in towns and cities. The shortfall of surgeons, gynaecologists, physicians and paediatricians in rural areas is as high as 70 percent. It is because of our lopsided development that villages lack basic infrastructure making it difficult for people (doctors) to serve there. But doctors must realize that their profession needs commitment and sacrifice. For them the welfare of patients is above everything else.

On an average the state spends Rs. 15 to 20 lakh per student of MBBS. It is only fair that once doctors get their degrees they should work in rural areas for five years where their services are most needed. They owe it to the state for investing so much in their training. Moreover early exposure to real India will be good training for young professionals and give them invaluable experience. It would be ideal if this is done voluntarily. If it is not, the government will have to make it compulsory. The state will be failing in its duty if it does not provide basic medical facilities for its rural population.

The Government should provide proper infrastructure and basic facilities in primary health centres in rural areas. Utilities like electricity and water and furniture should be made available. The government should arrange to repair and equip the 1,42,655 sub-centres, 23109 primary health centres and 3,222 community health centres. Secondly there should be attractive incentives for doctors to serve in rural areas. Also, serving in rural areas should be made part and parcel of the degree course to sensitise the future set of doctors. Once this is done doctors will willingly opt for rural posting.

Riya Kumari

(A concerned citizen)

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