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Subject – सामान्य विज्ञान
Topic – आनुवांशिक एवं जीवन शैली के रोग, मानव रोग- संचारी और गैर- संचारी
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Q1 एक सामान्य व्यक्ति और मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति के लिए रक्त शर्करा के स्तर को लिखें।(2M)
Answer:
मधुमेह एक दीर्घकालिक उपापचय/चयापचय(मेटाबोलिज्म ) संबंधी विकार है जो अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन, दोषपूर्ण इंसुलिन प्रकार्य या दोनों के कारण उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाइपरग्लेसेमिया) की अवस्था है।
स्थिति | रक्त शर्करा का स्तर |
सामान्य आदमी | 70-99 mg/dL (भूखे पेट ) |
<140 mg/dL (भोजन के 2 घंटे बाद) | |
मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति | >126 mg/dL (भूखे पेट) |
>200 mg/dL (random, with symptoms) |
Q2 संचारी और गैर-संचारी रोगों के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?(5M)
Answer:
पहलू | संचारी रोग | गैर-संचारी रोग |
परिभाषा | संक्रामक कारकों या पैथोजनों द्वारा होने वाली बीमारियाँ | संक्रामक कारकों द्वारा नहीं होने वाली बीमारियाँ |
प्रसार | व्यक्ति से व्यक्ति तक या यातायातकारियों के माध्यम से प्रसारित | व्यक्ति से व्यक्ति तक नहीं प्रसारित |
उदाहरण | इन्फ्लुएंजा, टीबी, एचआईवी/एड्स, कोविड-१९ | मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग, दमा |
रोकथाम | टीकाकरण, स्वच्छता अभ्यास, क्वारंटीन उपाय | स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, आहार नियंत्रण |
उपचार | एंटीमाइक्रोबियल दवाएं, टीके, अलगाव | दवाइयाँ, सर्जरी, जीवनशैली में परिवर्तन |
जनसंख्या पर प्रभाव | महामारी या पैंडेमिक का कारण, बड़े परिसंख्यान को प्रभावित करता है | सामान्य रूप से व्यक्तियों या छोटे समूहों को प्रभावित करता है |
वैश्विक स्वास्थ्य चिंता | सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलुओं का प्रमुख ध्यान | जीवनशैली के परिवर्तनों और बढ़ती हुई आयुस्थ्य की बदलती पर चिंता का विषय |
Q3 जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ नई सामान्य बीमारियाँ बनती जा रही हैं। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ क्या हैं? उनके कारण एवं विशेषताएँ बताइये। सरकारों द्वारा किये गये प्रयासों पर चर्चा करें।(10M)
Answer:
जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ हैं जो मुख्य रूप से अस्वास्थ्यकर जीवनशैली विकल्पों और आदतों के कारण होती हैं। सामान्य व्यवहार संबंधी जोखिम कारकों – अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी, तंबाकू और शराब के उपयोग, से जीवनशैली से जुड़ी ये बीमारियाँ एक खामोश महामारी का रूप ले रही है |
- जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के कुछ सामान्य उदाहरणों में मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, हृदय संबंधी बीमारियाँ, कुछ कैंसर और श्वसन संबंधी बीमारियाँ शामिल हैं।
जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के बढ़ने के कारण:
- अस्वास्थ्यकर आहार: अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, शर्करा युक्त पेय पदार्थ, संतृप्त वसा का अधिक सेवन, और फल, सब्जियों और साबुत अनाज का कम सेवन।
- गतिहीन जीवन शैली: शारीरिक गतिविधि का अभाव और लंबे समय तक बैठे रहना या निष्क्रियता ⇒ जीवनशैली में हाल के बदलाव: ओटीटी, सोशल मीडिया का उपयोग
- तम्बाकू का उपयोग: फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधी विकार।
- अत्यधिक शराब का सेवन: यकृत रोग, हृदय संबंधी समस्याएं, कुछ कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।
- तनाव: क्रोनिक(दीर्घकालिक) तनाव और अपर्याप्त तनाव प्रबंधन, अस्वास्थ्यकर व्यवहार को ( जैसे कि अधिक खाना, धूम्रपान या अत्यधिक शराब का सेवन) को ट्रिगर कर सकता है।
जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की विशेषताएँ:
- गैर संक्रामक उत्पत्ति
- दीर्घकालिक प्रकृति: आम तौर पर समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होती है और लंबे समय तक बनी रहती है, जिसके लिए अक्सर दीर्घकालिक प्रबंधन और उपचार की आवश्यकता होती है।
- रोकथाम योग्य: जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से, जिसमें स्वस्थ आहार अपनाना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना, तंबाकू और शराब के सेवन से बचना और तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना शामिल है।
- बहुकारकीय कारण: जीवनशैली संबंधी बीमारियाँ आनुवांशिक, पर्यावरणीय और व्यवहार संबंधी कारकों के संयोजन से उत्पन्न होती हैं, जो उन्हें प्रकृति में जटिल और बहुकारकीय बनाती हैं।
- जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव: गतिशीलता कम हो जाना , दर्द और असुविधा पैदा होना , विकलांगता और समय से पहले मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
सरकारों द्वारा किये गये प्रयास:
- गैर-संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी)
- 75/25 पहल, जिसका उद्देश्य 2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 75 मिलियन व्यक्तियों की जांच और मानक देखभाल प्रदान करना है।
- तम्बाकू उत्पादों के उपयोग को विनियमित करने के लिए COTPA अधिनियम, 2003
- आम एनसीडी यानी मधुमेह, उच्च रक्तचाप और आम कैंसर की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए देश में NHM के तहत और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के एक हिस्से के रूप में शुरुआत की गई है।
- आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र योजना के माध्यम से एनसीडी के निवारक पहलू को मजबूत किया गया है
- स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने में FSSAI की भूमिका ⇒ सही खाएं अभियान, तेल और वसा में ट्रांस फैटी एसिड (टीएफए) की मात्रा को 2% तक सीमित करना, खाना पकाने के तेल (आरयूसीओ) के पुन: उपयोग पर प्रतिबंध, स्वैच्छिक लेबलिंग “ट्रांस फैट लोगो”
- फिट इंडिया मूवमेंट युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है
- आयुष मंत्रालय द्वारा योग से संबंधित विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाती हैं।
- आहार का विविधीकरण: श्री अन्न के रूप में बाजरा का प्रचार
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017) के अनुसार, गैर-संचारी रोगों का लक्ष्य 2025 तक हृदय रोगों, कैंसर, मधुमेह या पुरानी श्वसन रोगों से होने वाली समय से पहले मृत्यु दर को 25% तक कम करना है।
अंततः, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को संबोधित करने के लिए व्यक्तियों, समुदायों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों को शामिल करते हुए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है
Q4 निम्नाकिंत अनुच्छेद का हिन्दी में अनुवाद कीजिएः
Would one have ever thought that one day, we will be on the moon! It was just like a dream, wasn’t it? But now it seems that it is going to be possible in the near future. Similarly, whatever seems difficult to us today is not necessarily difficult (out of the reach). Therefore, we must at least try. As well, we should keep patience because something, if not that difficult, is not that easy either.
Answer:
क्या कभी किसी ने सोचा होगा कि एक दिन हम चाँद पर होंगे ! ये सपने जैसा ही था, है ना ? लेकिन अब लगता है कि ये निकट भविष्य में सम्भव होने वाला है। ठीक इसी तरह , जो भी कुछ आज हमें मुश्किल लगता है , वो जरुरी नहीं मुश्किल हो। इसलिए , कम से कम हमें प्रयास ज़रूर करना चाहिए। और साथ ही, हमें धैर्य भी रखना चाहिए क्योंकि अगर कोई चीज़ उतनी मुश्किल नहीं है , तो उतनी आसान भी नहीं है।